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परेशानी:पीएम आवास याेजना की राशि मकान नहीं बनाते हुए हितग्राहियाें ने इलाज, शादी व घर चलाने में कर दी खर्च

देवास2 वर्ष पहले
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गाेदना में चल रहा मकान निर्माण। - Dainik Bhaskar
गाेदना में चल रहा मकान निर्माण।
  • जिले में कुल 30 हजार 820 हितग्राही आवास के लिए स्वीकृत, बने 29709, अभी भी 1111 शेष

हर व्यक्ति का सपना रहता है कि उसका घर हाे चाहे वह छाेटा ही क्याें न हाे। इसके लिए सरकार ने पीएम आवास याेजना शुरू की, जिसका फायदा पात्र हितग्राहियाें काे देना शुरू कर दिया। लाेगाें के खाताें में पहली किस्त के रूप में 1 लाख रु. डाल भी दिए। याेजना का जिले में लाेगाें ने लाभ भी लिया, किंतु कुछ लाेगाें ने आर्थिक परेशानी के चलते मकान नहीं बनाते हुए राशि अपने निजी खर्च में खत्म कर दी है।

जिले में 108 पीएम आवास के हितग्राहियाें ने आवास की राशि घर चलाने, बीमारी, शादी-ब्याह सहित अन्य कामाें में खर्च कर दी है। इस तरह से पैसाें की बर्बादी करने से पीएम आवास निर्माण का लक्ष्य 100 फीसदी तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी की टीम घर-घर पहुंच छुटे हुए मकानाें के निर्माण कार्य पूर्ण करने का प्रयास कर रही है। अधिकारी इसलिए भी प्रयास कर रहे हैं कि शत-प्रतिशत मकान नहीं बनने से उनकी छवि भी खराब हाेगी।

जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक जिले में 30820 आवास निर्माण करवाने का सरकार ने लक्ष्य दिया था। इसमें से 29709 मकानाें का निर्माण हाे चुका और 1111 मकान जिले भर में बनना शेष हैं। इनमें से 108 हितग्राही ऐसे हैं, जिन्हाेंने पीएम आवास की राशि का उपयाेग अपने निजी काम में कर लिया है। किसी ने बीमारी में, ताे किसी ने शादी-ब्याह ताे किसी ने घर का सामान लाने में पैसा खर्च कर दिया है। इनमें से कुछ हितग्राहियाें के मकान बनवाने के लिए जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी लगातार प्रयास कर रहे हैं।

इस वजह से अधूरे पड़े मकान- राशि लेकर 144 लाेग कर गए पलायन
जिले में पीएम आवास याेजना का लाभ देने के लिए अभियान चलाया गया था, जिसके तहत पात्र हितग्राहियों का चयन किया। लाेगाें के खाते में पहली व दूसरी किस्त डालने के बाद भी मकान नहीं बन सके। इन लाेगाें का घर-घर जाकर सत्यापन किया ताे ऐसे 144 हितग्राही सामने आए हैं, जिन्हाेंने राशि का उपयाेग कर लिया और जिले से पलायन कर गए। कुछ लाेगाें ने बीम-कालम भर दीवार उठा दी अब मिल नहीं रहे हैं। हितग्राही कब आएंगे यह स्पष्ट नहीं है।

राशि अपने काम में कर ली खर्च : जिले में करीब 108 ऐसे हितग्राही हैं, जिन्हाेंने आवास राशि का उपयाेग अपने कार्याें में खर्च कर लिया है। खाते में राशि आने पर घर में काेई बीमार हाे गया ताे उसका उपचार करवा लिया, किसी के यहां शादी आई ताे उसमें खर्च कर दिया। किसी का काम-काज बंद हाे गया ताे खाने की सामग्री लाने में राशि खर्च कर दी। काेराेना की दूसरी लहर में भी कुछ हितग्राहियाें की राशि उपचार में खर्च हुई है। जिले में 13 हितग्राही के मकान तकनीकी गलती या मृत्यु हाेने पर आवास पूर्ण नहीं हाे सके हैं। याेजना में पात्रता नहीं रखने वाले 136 पीएम आवास अधिकारियाें ने निरस्त कर दिए हैं।

कर्मचारी घर जाकर लाेगाें काे समझाइश देकर बनवा रहे आवास, वसूलने की कार्रवाई भी जारी
जिन हितग्राहियाें ने पीएम आवास याेजना की राशि अपने निजी खर्च में खत्म कर दी है। उन्हें कर्मचारी घर-घर जाकर समझाइश दे रहे हैं। 108 में से कुछ लाेगाें ने मकान बनाना भी शुरू कर दिया है, जाे मकान नहीं बनाएंगे उनसे राशि वसूलने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जिले में 136 अपात्र हितग्राहियाें के आवास निरस्त कर राशि राज्य स्तरीय नाेडल खाते में जमा भी करवा दी है।
प्रकाश चाैहान, जिला पंचायत सीईओ देवास।

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