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हिरली गांव से सटकर निकली शिप्रा नदी ग्रामीण और विद्यार्थी जुगाड़ की नाव से पार करते हैं, जिस पर पुलिया बनाए जाने की मांग काे लेकर फिर से विराेध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नदी के दाेनाें किनाराें पर ग्रामीणाें और विद्यार्थियाें ने सुबह 10 से शाम 4 बजे तक उपवास रख विराेध जताया और पुलिया बनाए जाने की मांग की गई। हिरली के पास नदी के किनारे सुबह से उपवास के लिए चुनिंदा लाेग पहुंच गए थे। किनारे पर बैठकर शाम तक बिना कुछ खाए उपवास पर रहे।
ग्रामीणाें के उपवास पर बैठने की जानकारी मिलने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री के पुत्र राजेंद्र मालवीय भी धरना स्थल पर पहुंच गए। ग्रामीणाें के साथ काफी देर तक धरने पर बैठकर समस्या का निराकरण करवाने का आश्वासन दिया गया। हंसराज मंडलोई व सिमरोल स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा महक पठान ने बताया, उपवास किए जाने की घोषणा के अनुसार हिरली और आसपास के ग्रामीण नेताओं और अधिकारियाें काे जाग्रत करने के लिए उपवास करने बैठ गए।
ग्रामीणाें के साथ ही राजेंद्र मालवीय ने भी उपवास किया। कार्यकर्ता कय्यूम पठान ने कहा, हमारे लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि 3 जिले देवास, इंदाैर व उज्जैन की सीमा पर हमारा गांव होने के बाद भी नदी पर एक पुल का निर्माण जनप्रतिनिधि नहीं करवा सके। ग्रामीणाें काे जान जाेखिम में डालकर जुगाड़ की नाव से नदी पार करना पड़ रही है।
मालवीय ने पुल के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों और छात्राओं को विश्वास दिलाते हुए कहा, मैं आपके आंदोलन में तन, मन, धन से खड़ा रहूंगा। सांसद, विधायक व मंत्रियों से बात कर समस्या हल करवाने की कोशिश करूंगा। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो हम मंत्रियों और विधायकों का घेराव करेंगे। ग्रामीणों ने अंत में शिप्रा मैया से प्रार्थना की, मैया हमारे जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि दे, जिससे नदी पर पुलिया का निर्माण हाे सके।
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