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जिले में रहस्यमय संक्रमण से लगातार काैओं की मृत्यु हाे रही है, लेकिन यह वायरस लाेगाें के जीवन के लिए खतरनाक नहीं है। प्रदेश के अन्य जिलाें में मृत काैओं की जांच रिपाेर्ट आई ताे सभी में नया वायरस एच-5एन-8 सामने आया है, जाे पक्षियाें के लिए खतरनाक साबित हाे रहा, इससे मानव जिंदगी पर काेई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पहले पक्षियाें में खतरनाक वायरस एच-5एन-1 पाया जाता था, जिसके संपर्क में आने से लाेगाें की जान पर बन आती थी। हालांकि अभी देवास जिले से भेजे काैओं के 2 सैंपलाें की रिपाेर्ट नहीं आई है। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं देवास ओपी त्रिपाठी ने बताया प्रदेश में जहां भी काैओं की मृत्यु के बाद लिए सैंपल की रिपाेर्ट में नया वायरस एच-5एन-8 ही सामने आ रहा है, इसलिए देवास के सैंपलाें की रिपाेर्ट में भी यही वायरस आएगा।
शहर और जिला स्तर पर बनी रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्य काैओं के मरने की सूचना मिलते ही माैके पर पहुंच उसे दफन कर रहे हैं या जला रहे हैं। गुरुवार काे जिले के अलग-अलग क्षेत्राें से 33 काैओं के मरने की जानकारी मिली है। गत 2 जनवरी से अब तक 70 काैओं और काेयल की मृत्यु हुई है। नए वायरस का असर अन्य पक्षियाें में नहीं हाेने से वह बचे हुए हैं, वहीं पाेल्ट्री फार्म में से भी मुर्गे-मुर्गियाें के मरने की जानकारी नहीं आई है।
रोज शाम काे पाेल्ट्री फार्म से ली जा रही जानकारी
पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा बनाई टीम के द्वारा प्रतिदिन शाम काे जिले की पाेल्ट्री फार्माें से फाेन लगाकर मुर्गे-मुर्गियाें की स्थिति की जानकारी ली जा रही है। इसके अलावा टीम फार्माें पर पहुंचकर मुर्गियाें की स्थिति चेक करे रहे हैं। मुर्गियाें की संख्या भी नाेट की जा रही है। नए वायरस के आने की जानकारी के बाद से 56 मुर्गे-मुर्गियाें के सैंपल जांच के लिए टीम ने भाेपाल लैब में भेज दिए हैं।
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