मप्र सरकार के एंटी माफिया अभियान के तहत धार पुलिस ने जिले की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई भू-माफियाओं पर की है। करीब सवा 200 करोड़ की मुख्य मार्ग की सरकारी जमीन को कुटनीतिक तरीके से क्रय-विक्रय करने पर 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।
इसमें से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूरे प्रकरण में 4 मुख्य आरोपी पाए गए हैं। जिन्होंने एक मत विचार के साथ जमीन को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विक्रय किया है। मुख्य आरोपियों में सुधीर दास उर्फ बनी दास पिता रत्नाकर पीटरदास, सुधीर जैन, अखिलेश अमृतलाल शर्मा और विवेक पिता शेषनारायण तिवारी है।
इनमें से दो मुख्य आरोपियों सुधीर दास और विवेक तिवारी को घर से गिरफ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त भूमि सौदे करने वाले करीब 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 8 पुरुष और 5 महिलाएं हैं।
टीमें बनाकर आरोपियों की धरपकड़
अक्टूबर माह में धार एसपी आदित्य प्रतापसिंह के पास जयसिंह पिता केसरसिंह ठाकुर निवासी पांदा तहसील महू ने धार ईसाई समाज की कीमती जमीनों को फर्जी दस्तावेज तैयार करके जमीन की अफरा-तफरी करने की शिकायत की थी। इसके बाद एसपी ने जांच महिला अपराध शाखा की डीएसपी यशस्वी शिंदे को सौंपी थी।
मामले में शहर के नामी-गिरामी लोग शामिल थे। इसके बाद प्रत्येक साक्ष्य को जुटाने के लिए ग्वालियर भू-अभिलेख से लेकर हाईकोर्ट सहित अन्य स्थानों से सत्यापित दस्तावेज जुटाए गए। इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर भादवी की धारा 193, 420, 409, 467, 468, 471, 120 बी जैसी धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया।
प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी रविवार सुबह से ही शुरू हो गई। इधर पुलिस टीम की अलग-अलग जगह दबिश के बाद हड़कंप मंच गया। प्रकरण में शामिल अनेकों लोग गायब हो गए। पुलिस 27 आरोपितों में से 13 लोगों को ही गिरफ्तार कर पाई है। देर शाम करीब 4 बजे आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 11 दिसंबर तक जेल भेज दिया गया है।
यह था मामला
धार महाराज द्वारा सन् 1895 में लीज पत्र के माध्यम से जनकल्याण कार्य गतिविधियों के संचालन के लिए ईसाई समाज को धार शहर के मगजपुरा क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 29 की भूमि दी गई थी। इसमें व्यवस्थापक के तौर पर डॉ. रत्नाकर दास काबिज थे। इसके संचालन के लिए बकायदा समिति बनी थी।
मुख्य संचालनकर्ता के तौर पर डॉ. दास के बाद उनकी पत्नी ईला पीटरदास संचालक बनीं। ईला के संचालक बनने के बाद उनके बेटे सुधीर दास उर्फ बनी ने अपनी पत्नी शालिनी दास के साथ मिलकर जमीन के मालिक के तौर पर अन्य लोगों को जमीन बेचना शुरू कर दी।
मुख्य मार्ग की करीब 200 करोड़ की जमीन को अलग-अलग लोगों को बेच दिया। इसमें इनके साथ क्रय-विक्रय और दस्तावेज खरीदी सहित संपत्ति खरीदी में तीन अन्य लोग मुख्य षड़यंत्रकर्ता के तौर पर शामिल रहे। इस मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई की गई है। यहां पर वर्तमान में एक शॉपिंग मॉल बनाने की तैयारी की जा रही है। वहीं करीब 28 लोगों ने बड़े-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना लिए हैं। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है।
रिमांड में दास उगलेगा कई राज
भू-माफिया सुधीर दास ने समाजसेवा का भी चोला ओढ़ रखा था। पैसों के बूते पर कई सामाजिक संगठनों में सक्रिय हो गया था। पुलिस को सुधीर दास का रिमांड मिला है। इस अवधि में दास के कई कारनामें उजागर होंगे। दरअसल सुधीर दास ने मसीह अस्पताल का भी सौदा कर दिया है।
इसी के साथ कुष्ठ रोगियों की बस्ती और तत्कालीन समय में वहां पर संचालित होने वाली चिकित्सकीय गतिविधियों के बंद होने के बाद उसका भी विक्रय कर दिया है। इस तरह के सौदों को करने के लिए दास ने कई कानून तोड़े। कहीं पर गौंड आदिवासी बनकर जमीन का सौदा किया।
कहीं पर स्वयं को ईसाइ दर्शाया है। संभावना है कि पीआर में इस तरह के मामले उजागर होने के बाद दास के ऊपर जमीन अफरा-तफरी के दूसरे मामले भी दर्ज हो सकते हैं।
ट्वीट से सीएम ने दी धार प्रशासन को बधाई
जनकल्याणक हित की जमीन की अफरा-तफरी करने वाले लोगों पर धार प्रशासन की कार्रवाई पर सीएम ने ट्वीट किया है। सीएम ने लिखा है कि लोक कल्याण के लिए दी गई जमीनों पर भ्रष्टाचार करने वालों को मप्र में बख्शा नहीं जाएगा। मैं धार जिले में अस्पताल की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस टीम को बधाई देता हूं। प्रदेश में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
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