एमपी एग्रो के धार जिला प्रबंधक रमेश चंद्र पाटीदार के यहां 3 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की 6 टीमों ने शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, धार और शाजापुर के ठिकानों पर छापा मारा। मैनेजर ने अपने ऑफिस में ईमानदारी पर लिखे एक कोट का बोर्ड भी टांग रखा था। इस पर लिखा था ‘ईमानदारी का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा’। उसके पास 52 बीघा जमीन, फार्म हाउस, हॉस्पिटल, दो कार, प्लॉट, गहने और अन्य सामान मिला है।
EOW एसपी धनंजय शाह के मुताबिक अभी तक की जांच में 3 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली है। मोहन बड़ोदिया गांव में एक अस्पताल, आलोक नगर में एक घर, धार के त्रिमूर्ति नगर में एक घर और भोपाल के चूनाभट्टी चिनार हिल्स में फ्लैट है। मोहन बड़ोदिया में पैतृक मकान, दो कारें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और कुछ दोपहिया वाहन भी हैं। घर से बेशकीमती जमीनों के दस्तावेज भी मिले हैं।
ईमानदारी का बोर्ड ऑफिस में लगा
ईओडब्ल्यू की टीम रमेश चंद्र के धार के कोर्ट रोड स्थित ऑफिस पहुंची। यहां चार कमरों में ऑफिस संचालित हो रहा है। भवन के मुख्य कमरे में एक बोर्ड भी लटक रहा है। उस पर लिखा है कि ‘ईमानदार होने का अर्थ है- हजार मनकों में से अलग चमकने वाला हीरा।’ ये बात अलग है कि ईमानदारी की इसी लाइन को पढ़ना प्रबंधक खुद भूल गए।
कार्यकाल में रहते हुए किया गबन
एसपी धनंजय शाह ने बताया कि एमपी एग्रो के जिला प्रंबधक ने अपने कार्यकाल में ऋण पुस्तिका और अनुदान के मामले में भी गबन किया है। इस मामले में उनके खिलाफ शिकायतें आई थीं। इसकी जांच की जा रही है।
शाजापुर में अधिकारी का अस्पताल
रमेश पाटीदार के मोहन बड़ोदिया स्थित निवास और हॉस्पिटल बिल्डिंग पर ईओडब्ल्यू इंदौर की दो टीमों ने कार्रवाई की। टीम शुक्रवार तड़के 5 बजे मोहन बड़ोदिया पहुंची। टीम ने प्रबंधक रमेशचंद्र से दो घंटे तक पूछताछ भी की है।
6 महीने से थी अफसर पर नजर
एसपी ने बताया कि रमेश चंद्र पर पिछले 6 महीने से विभाग की नजर थी। कार्रवाई के दौरान वह धार में नहीं थे। पिछले कुछ दिनों से अवकाश लेकर पैतृक गांव शाजापुर के मोहन बड़ोदिया में थे।
5 मकान समेत 52 बीघा जमीन
डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया ने बताया कि धार, इंदौर, भोपाल, शाजापुर समेत पैतृक गांव में 5 मकान मिले हैं। करीब 52 बीघा जमीन मिली है। पांच बैंक अकाउंट और एक लॉकर की जानकारी मिली है। सोने-चांदी के गहने भी मिले हैं। इनकी अनुमानित कीमत करीब 40 लाख रुपए है।
13 साल से धार में पदस्थ हैं
जिला प्रबंधक रमेश चंद्र की धार में पदस्थापना 2008 में हुई थी। तब से वे यहीं पदस्थ हैं। ऑफिस भी प्राइवेट भवन में संचालित हो रहा है। शाजापुर में चार मंजिला भवन बनाकर हॉस्पिटल को किराए पर दे रखा है। फार्म हाउस भी है। ऐसे में मकान, प्लॉट सहित जमीन का आकलन किया जा रहा है।
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