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सुंदरबन काॅलाेनी जाने वाले रास्ते पर जाट समाज की धर्मशाला के सामने नगर पालिका ने पांच मकान मालिकाें काे नाेटिस जारी किए हैं। इनमें दाे निर्माणाधीन मकान हैं।
हालांकि अब तक किसी मकान मालिक ने नाेटिस का जवाब नहीं दिया है। लेकिन नगर पालिका ने अतिक्रमण की जद में आ रहे मकानाें पर निशान भी लगा दिए हैं। लगभग चार दिन पहले जारी किए गए नाेटिस में सड़क से अतिक्रमण हटाने की बात कही गई है। इस मामले में अब नया पेंच फंस रहा है। जिससे नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
पड़ताल में सामने आया है कि नपा ने जिस जगह पर भवन
निर्माण की अनुमति दी है। उस जगह का टीएनसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) में अप्रूवल ही नहीं हुआ है। बावजूद यहां भवन निर्माण की अनुमति दे दी गई है। जबकि नियम यह है कि बगैर टीएनसीपी अप्रूवल के किसी भी प्लाॅट पर निर्माण नहीं किया जा सकता। माैके पर ताे यह भी देखा गया है कि जिस जगह पर निर्माण हुए हैं वहां ना ताे सड़क है और ना ही ड्रेनेज की व्यवस्था की गई है।
शिकायत के बाद जारी किए थे नाेटिस
इस मामले में 2 फरवरी काे नगर पालिका सीएमओ, एसडीएम व कलेक्टर काे गाेपनीय शिकायत हुई है। जिसमें बताया गया है कि काॅलाेनी के उत्तर दिशा में जाट धर्मशाला के सामने लगी राेड से लगे गीता गार्ड से लेकर शासकीय आर्युेवदिक जिला चिकित्सालय तक अवैध तरह से मकानाें का निर्माण किया जा रहा है। इन मकानाें के आसपास ड्रेनेज सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं। जिससे समस्या ज्यादा हाे रही है।
शिकायत के बाद नगर पालिका टीम ने माैका निरीक्षण किया। जिसमें पाया कि लगभग पांच सड़क पर ही बने हुए हैं। जिन्हें चिह्नित करते हुए अतिक्रमण ताेड़ने के नाेटिस जारी किए हैं। चिह्नित मकानाें में तीन निर्माणाधीन हैं। साथ ही उन मकानाें पर निशान भी लगाए गए। एक मकान मालिक ने ताे नगर पालिका द्वारा लगाए निशान पर कलर पाेत दिया है।
1 साल पहले दर्ज हुआ प्रकरण
क्षेत्रीय पटवारी महेंद्र इशके ने पुष्टि की है कि जाट समाज की धर्मशाला के सामने वाली जगह की टीएनसीपी अप्रूव नहीं है। बगैर टीएनसीपी वाली जगह पर हाे रहे अवैध निर्माण के इस मामले में एक साल पहले भी प्रकरण दर्ज हुआ था। तब काॅलाेनाइजरों काे दस्तावेज जमा करने का समय दिया गया था, लेकिन तब भी काॅलाेनाइजर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। इस पट्टी में लगभग 10 से 15 मकान हैं। जिनमें कुछ मकान ताे काफी पुराने हैं।
इंजीनियर बाेले- हमने प्लाॅट के आधार पर दी परमिशन
मामले में नगर पालिका इंजीनियर राकेश बैनल का कहना है कि इस मामले में पांच मकान मालिकाें काे नाेटिस जारी किए गए हैं। जिनमें से दाे निर्माणाधीन भवन हैं। नियम यह है कि काेई भी भवन निर्माण सड़क से 9 फीट छाेड़कर किया जाना चाहिए, लेकिन इन लाेगों ने सड़क के ऊपर ही मकान बनाए हैं। नगर पालिका से प्लाॅट पर बिल्डिंग निर्माण की परमिशन मांगी गई थी।
मल्लिकार्जुन पर अतिक्रमण के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं
इधर नानेवाड़ी स्थित मल्लिकार्जुन मंदिर के पीछे किए गए अतिक्रमण के मामले में अब तक काेई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि 16 फरवरी काे भास्कर ने खबर के माध्यम से प्रशासन काे मामले से पूरी तरह अवगत करा दिया था। बता दें कि यह मंदिर जिला प्रशासन के अधीन आता है। पांच साल पहले इसी जमीन से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाया गया था। इसके बाद माफियाओं ने यहां फिर कब्जा जमा लिया।
नाेटिस देकर दस्तावेज मांगे हैं
निर्माण की अनुमति का मामला मैं दिखवा रहा हूं। टीएनसीपी में आवासीय है या नहीं। इसके लिए लगभग सात लाेगाें काे व्यक्तिगत नाेटिस देकर दस्तावेज मंगवाए हैं। इसके अलावा रास्ते पर अतिक्रमण में बने मकानाें के मालिकाें काे नाेटिस जारी किए गए हैं। पूर्व में क्या हुआ। यह दस्तावेज देखने के बाद ही पता चलेगा। इसके अलावा मल्लिकार्जुन मंदिर पर अतिक्रमण मामले में भी नपती कराई जाएगी।
-सत्यनारायण दर्राे, एसडीएम, धार
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