धार के निसरपुर के बाजरीखेड़ा गांव में एक रोमांचित कर देने वाला नजारा देखने को मिला है। यहां रहने वाले किसान किरण गिरी चार दिन पहले अपने खेत में दो बच्चे नजर आए। उन्हें लगा कि बिल्ली के बच्चे हैं, इस कारण वे उन्हें अपने साथ घर ले आए। उन्हें नहीं पता था कि जिन्हें वे दूध पिला रहे हैं, वे बिल्ली के नहीं बल्कि तेंदुए के बच्चे हैं।
किसान ने इसकी सूचना वन विभाग को भी दी, लेकिन उधर से भी जंगली बिल्ली का बच्चा होने की बात कह दी गई। इस पर किसान उन्हें अपने घर ले आया और तीन दिनों तक उनकी जमकर खातिरदारी की। दूध पिलाया, रोज नहलाता और ठंड से बचाने गर्म कपड़े भी ओढ़ाए। जब खुलासा हुआ तो उनके होश उड़ गए। जिन्हें वे खेत से लेकर आया था वे तेंदुए के बच्चे थे।
चार दिन पहले बाजरीखेड़ा के रहने वालों ने वन विभाग को सूचना दी थी कि गन्ने के खेत में दो बच्चे मिले हैं। वे तेंदुए के बच्चे जैसे नजर आ रहे हैं। वन विभाग की ओर से जंगली बिल्ली के बच्चे होने की बात कही गई। बच्चों को जंगल में छोड़ने का कहा गया था। हालांकि किसान उन्हें अपने साथ ले आया। तीन दिन बाद बच्चे घुर्राने लगे तो किसान को शक हुआ ये बिल्ली के बच्चे नहीं हो सकते। गांव के लोगों से बात की तो ग्रामीणों ने भी तेंदुए के बच्चे होने की आशंका जताई। फिर किसान उसे लेकर निसरपुर चौकी लेकर पहुंचा।
एएसआई आशुतोष जोशी ने वन विभाग को सूचना दी। निसरपुर वन विभाग की चौकी पर जीएस सोलंकी वन पाल को पुलिस ने इन्हें सुपुर्द किया। आखिर में वन विभाग के अफसर ने भी माना ये तेंदुए के ही बच्चे हैं। सोलंकी ने बताया कि इनका मेडिकल कराएंगे। दो बच्चे (एक नर और मादा) हैं।
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