केंद्र सरकार की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जारी लाॅकडाउन में टैक्स पेयर्स को राहत देते हुए आयकर रिटर्न भरने की समय सीमा में दो माह की बढ़ोतरी कर दी थी। वर्ष 2020-21 की व्यक्तिगत आयकर रिटर्न 30 सितंबर तक जमा करवा सकते हैं। पहले यह डेडलाइन 31 जुलाई थी।
कर सलाहकार संजय व्यास ने बताया कि यदि आपकी किसी एक वित्त वर्ष में कुल सालाना आय 2.50 लाख रुपए से ज्यादा है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है। नौकरी, कारोबार या पेशे से टैक्स छूट की सीमा से अधिक आमदनी होती है तो आपके लिए आयकर रिटर्न भरना आवश्यक है।
डिजिटल इंडिया के इस दौर में थोड़ी सी लापरवाही की वजह से आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है। किसी एक वित्त वर्ष में अगर आपकी कुल आमदनी सिर्फ कृषि और उससे जुड़े कार्य से होती है तो आपको आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है।
रिटर्न के लिए ये जरूरी कागजात चाहिए
कंपनियों के आईटीआर फाइल करने की तारीख 30 नवंबर तक
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भी कंपनियों के लिए आईटीआर फाइल करने की समय सीमा एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है। इनकम टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर की गई है। इनकम टैक्स कानून के अनुसार जिन व्यक्तियों के अकाउंट का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है और जो आम तौर पर आईटीआर-1 या आईटीआर-4 का उपयोग करके अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। टैक्स पेयर्स के लिए समय सीमा, जैसे कंपनियां या फर्म, जिनके खातों का ऑडिट होना आवश्यक है।
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