इंदौर में हर माह करीब दो हजार हार्ट के पेशेंट मिल रहे हैं। इनमें 250 से 300 को बायपास सर्जरी कराने की नौबत आ रही है। बीमारी की सबसे बड़ी वजह बीपी, शुगर, मोटापा और एक्सरसाइज की कमी के साथ खान-पान, नशा और फेमिली हिस्ट्री है।
इन्हीं कारणों के चलते 20 से 30 साल की उम्र के मरीज भी सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज 51 से अधिक आयु वर्ग के हैं। शहर के छह प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट (हृदयरोग विशेषज्ञों) ने वर्ल्ड हार्ट पर भास्कर से साझा किए, इंदौर में बीमारी की स्थिति एवं उसके कारण।
हायर एंटीबायोटिक के कारण कोविड के बाद बढ़ी परेशानी
कोविड के बाद हार्ट डिसीज बढ़ी हैं। कुछ महीनों में अरबिंदो में कार्डियक प्रॉब्लम लेकर 300 मरीज पहुंचे। इनमें 48 को हार्ट अटैक आया। एमवाय में 50 ईसीजी रोज व हर माह 300 एंजियोप्लास्टी, 1200 से 1500 एंजियोग्राफी हो रही हैं।
चेस्ट फिजिशियन डॉ. रवि डोसी बताते हैं कि ज्यादातर मरीज 40 से 60 आयु वर्ग के हैं। बड़ी वजह घर में हायर एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयां लेना है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पंकज तिवारी कहते हैं कि कोरोना के बाद खून के थक्के जमना आम परेशानी बन गई है। महीनों तक एस्प्रिन देना पड़ रही है।
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