इंदौर में फर्जी महिला एसडीएम से क्राइम ब्रांच की पूछताछ जारी है। इसके साथ ही उसकी करतूतों की लिस्ट भी बढ़ती जा रही है। फर्जीवाड़े के रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी अपने पति को भी नौकर बनाकर साथ घुमाती थी। अब महिला जालसाज से ठगाया एक ज्वेलर भी क्राइम ब्रांच पहुंचा है।
नकली एसडीएम बनकर लोगों को ठगने वाली नीलम पाराशर के मामले में मंगलवार को महेश बिरला निवासी यादव नगर क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचे। उन्होंने बताया, मूसाखेड़ी में मां अंबिका ज्वेलर्स के नाम से मेरी दुकान है। यहां 31 मई 2022 को नीलम पाराशर पहुंची थी। उसने खुद को इंदौर में एसडीएम बताया और कहा कि उन्हें ज्वेलरी लेना है। इसके बाद मैंने उन्हें जेवर दिखाए। नीलम ने करीब तीन लाख रुपए के लगभग की ज्वेलरी पसंद की। जब बात पेमेंट की आई तो नीलम ने बताया कि वह चेक से पेमेंट करेगी। जिसे अगले दिन ही बैंक से कैश करवा लेने की बात कही। इसके बाद मैंने ज्वेलरी का 2 लाख 84 हजार रुपए का बिल सौंपा। नीलम ने हड़बड़ाहट में चेक को गलत भर दिया।
बैंक पहुंचा तो मैनेजर ने कहा, तुम ठगा गए हो
अगले दिन मैं अपनी पत्नी के साथ इंदौर ग्रामीण बैंक पहुंचा। यहां बैंक में चेक दिया तो पता चला कि राशि 28 लाख के लगभग लिखी हुई है। कैशियर ने मुझे मैनेजर के पास भेज दिया। उन्होंने बात करते हुए बताया कि आप ठगा गए हैं। मैडम के इस तरह के कई चेक आते रहते हैं। लेकिन उनके खाते में इतना बैलेंस ही नहीं है। मैंने नीलम पाराशर को बैंक से ही कॉल किया तो उसने कलेक्टर के काम में व्यस्त होने का बात कहते हुए ड्राइवर के हाथ कैश भेजने की बात कही।
तीन दिन बाद कहा, पिता गुजर गए
इसके बाद मैं नीलम को पेमेंट के लिए लगातार कॉल करता रहा। एक दिन कॉल उठाकर उसने कहा कि तुम्हारे लिए ही तुकोगंज इलाके की एचडीएफसी बैंक में रुपए निकालने आई हूं। शाम तक किसी भी हालत में पेमेंट करवा दूंगी। इसके बाद अगले दिन उसने बताया कि उसके पिता शांत हो गए हैं। उसे सागर जाना पड़ेगा। एक सप्ताह बाद जब मैंने कॉल किया तो उसने इंदौर में होने की बात से ही इंकार कर दिया।
एक और सराफा कारोबारी सामने आया
नकली एसडीएम नीलम पाराशर की शिकायत लेकर एक और सराफा कारोबारी सामने आया है। कारोबारी ने सराफा थाने में नीलम के खिलाफ केस दर्ज कराया है। यह नीलम के खिलाफ चौथा केस है। सराफा बाजार के रत्नश्री ज्वेलर्स के संचालक सत्यनारायण गर्ग ने पुलिस को बताया कि नीलम साढ़े चार लाख रुपए के जेवर ले गई और सिर्फ ढाई लाख रुपए चुकाए।
जिसे नौकर बनाकर मिलाया वो पति निकला
ज्वेलर के अनुसार नीलम के साथ अनिरूद्ध नाम का व्यक्ति भी दुकान पर दो से तीन बार मिलने आया। उसने भी पेमेंट जल्द देने की बात कही। पूछने पर नीलम ने उसे अपना कर्मचारी बताया। बाद में कार में मौजूद गार्ड ने नीलम की गैर मौजूदगी में बताया कि वह मैडम के हसबैंड है। प्रशासनिक कारणों से वह हर कहीं उनके बारे में डिटेल नहीं देती हैं। नीलम के कई काम के पेमेंट लेने के लिए भी अनिरूद्ध कर्मचारी बनकर ही पहुंचता था।
फोन जब्त कराने की धमकी देकर डिलीट करवाया गाड़ी का फोटो
ज्वेलर के लगातार कॉल करने पर एक दिन नीलम उनकी दुकान पर पहुंची। नीलम हर बार गाड़ी दूर पार्क करके अंदर आती थी। इस बार ज्वेलर ने कार का फोटो खींच लिया। नीलम की नजर पड़ी तो उसने विरोध करते हुए कहा कि वह उसकी सरकारी गाड़ी है। इसका ऐसे फोटो नहीं लिया जा सकता। इसके बाद उसने अपने साथ मौजूद गार्ड से कहा कि टीआई को कहकर इनका मोबाइल जब्त करवा दो। बाद में डराकर फोटो डिलीट करा दिया। एक दिन गुस्से में कॉल उठाकर नीलम ने ज्वेलर को यहां तक कह दिया था कि उसे आजाद नगर थाने का टीआई पेमेंट करके जाएगा।
किसान को फंसा, लग्जरी गाड़ी किराए पर ली
नीलम के चक्रव्यूह में एक किसान भी फंस गया। उमरिया के किसान महेंद्र सिंह ठाकुर ने कुछ समय पहले जमीन बेची थी। जिसका पैसा रखा हुआ था। उस दौरान किसी ने एक महिला से परिचय कराया कि ये इंदौर में एसडीएम हैं। इन्हें किराए से कार चाहिए। बात 60 हजार रुपए महीने पर तय हुई। ड्राइवर और डीजल का खर्चा भी एसडीएम को वहन करना था। 60 हजार रुपए महीने के किराए के लालच में किसान ने अपनी जमा पूंजी लगाकर लग्जरी गाड़ी खरीद ली। चार माह तो पैसे मिले पर दो माह का किराया नहीं दिया तो उसने गाड़ी बंद कर दी। भंडाफोड़ होने पर गाड़ी भी जब्त हो गई।
24 लाख में खरीदी नई कार
किसान ने 24 लाख रुपए लगाकर नई लग्जरी कार खरीदकर किराए पर लगा दी। सोचा था कि चार साल में गाड़ी फ्री हो जाएगी। उसके अलावा कोई काम होगा तो मैडम से करा लेंगे। चार महीने तो समय पर किराया आया, लेकिन ढाई माह पहले भोपाल में गनमैन व ड्राइवर का किसी से विवाद हो गया। इसकी जानकारी जब किसान को लगी, तब तक दो महीने का किराया भी बाकी हो गया था। किसान ने 15-20 दिन पहले अपनी गाड़ी वहां भेजना बंद कर दी, लेकिन जैसे ही नीलम का पर्दाफाश हुआ पुलिस ने सारे तार जोड़ना शुरू कर दिए।
ड्राइवर तो पकड़ाया ही, लेकिन किसान की कार भी जब्त हो गई। 24 लाख रुपए की गाड़ी से महज 2.40 लाख रुपए ही मिल पाए थे। क्राइम ब्रांच ने जब किसान से पूछताछ की तो उसने किराए का एग्रीमेंट भी पेश किया। जिसमें नीलम ने बाकायदा खुद को अनुविभागीय अधिकारी इंदौर के रूप में बताया।
कलेक्टर के नाम से जारी किया फर्जी नियुक्ति पत्र, 2 लाख लेकर गार्ड 'बना' दिया
200रु रोज पर रखे गनमैन; रुतबा दिखाने के लिए सीखे अफसरी ठाट-बाट
सुप्रीम कोर्ट के जज का फोटो दिखाकर धमकाता, जलवा ऐसा कि पुलिसवाले रिसीव करने आते थे...
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.