सौ लोगों की टीम ने 11 दिन की कड़ी मेहनत से 90 दिन में तैयार होने वाला ऑक्सीजन प्लांट 11 दिन में तैयार कर दिया। पीथमपुर के इस प्लांट में रविवार रात से ट्रायल उत्पादन शुरू हो गया है। 24 घंटे शुद्धता जांच के बाद मंगलवार से 40 टन ऑक्सीजन रोज मिलने लगेगी। एकेवीएन एमडी रोहन सक्सेना ने बताया कि करण मित्तल का प्लांट तीन साल से बंद पड़ा था। उनसे बात की तो बोले चालू करने में 3 महीने लगेंगे। सभी विभागों ने समन्वय से काम किया जरूरी मंजूरियां हाथोंहाथ जारी की। प्लांट तक सड़क बनाई। नतीजा प्लांट शुरू हो गया।
इसके लिए मित्तल ने 40 लाख खर्च किए। मुंबई से ऑक्सीजन मीटर व अहमदाबाद से अन्य मशीनें मंगवाई गई। ड्यूटी अधिकारी व नायब तहसीलदार विनोद राठौर ने बताया कि काम एक घंटे भी नहीं रोका गया। प्लांट इंचार्ज मदन अग्रवाल की मदद के लिए अहमदाबाद से तीन इंजीनियर आए। 14 अप्रैल से प्लांट पर काम शुरू हुआ। माेयरा सरिया ने मैकेनिकल हैंड व लेबर उपलब्ध कराए तो अन्य कंपनियों ने दूसरी सामग्री दी और प्लांट तैयार हो गया।
खंडवा-सारणी में तीन हफ्ते में तैयार होगा ऑक्सीजन प्लांट : प्रदेश के थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से भी ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। खंडवा और सारणी में सात हजार लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले 3 सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। इनसे लगभग 200 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन मिलेगी।
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