असमंजस दूर:फर्स्ट ईयर के ही वोकेशनल सब्जेक्ट का एडवांस लेवल पूछा जाएगा सेकंड ईयर में

इंदाैर2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

यूजी सेकंड ईयर में वाेकेशनल विषयाें को लेकर जो असमंजस था वह अब भी बरकरार है। लेकिन यह तय है कि जो 25 विषय की सूची फर्स्ट ईयर में थी, उन्हीं का एडवांस लेवल सेकंड ईयर की एग्जाम में पूछा जाएगा। इन विषयों का एडवांस सिलेबस जारी किया गया था लेकिन बाद में हटा लिया गया था। कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएससी सेकंड ईयर में इन विषयों की पढ़ाई एडवांस लेवल के अनुसार करवाना होगी। पहले कहा गया था कि सेकंड ईयर में छात्र मेडिसिन प्लांट, डिजिटल मार्केटिंग और डेयरी प्रबंधन भी पढ़ेंगे।

लेकिन अब यह तय हो गया है कि सारे विषय फर्स्ट ईयर वाले ही रहेंगे। बस उनका एडवांस लेवल रहेगा। डीएवीवी से संबद्धता प्राप्त 306 कॉलेजाें के 81 हजार छात्राें के लिए परीक्षा संबंधी असमंज दूर होने वाला है। सबसे ज्यादा छात्रों ने फर्स्ट ईयर वाले कम्यूनिकेशन स्किल और पर्सनालिटी डेवलपमेंट चुना है।

क्या हुआ अब तक...25 विषय 2021 में तय किए गए थे

उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजाें में सेकंड ईयर में प्राेविजनल एडमिशन की प्रक्रिया अक्टूबर में ही खत्म कर दी थी। लेकिन इन विषयों को लेकर असमंजस था। दरअसल, नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत कॉलेज छात्रों के लिए फर्स्ट ईयर में 25 वाेकेशनल विषय पिछले साल 2021 सत्र में तय किए गए थे। जो छात्र पास होकर सेकंड ईयर में पहुंचे थे, उन्हें पुराने 25 विषयों के एडवांस विकल्पों के साथ कुछ नए विषय के विकल्प भी दिए गए थे। लेकिन बाद में ये नए विकल्प खारिज कर दिए गए थे। तभी से असमंजस था।

फिलहाल छात्रों के पास बागवानी, सिक्योरिटी सर्विस, वेब डिजाइनिंग और इलेक्ट्रानिक प्रोद्यौगिकी जैसे पुराने विषयों के ही एडवांस विकल्प हैं। नई पॉलिसी में बीएससी, बीबीए, बीकॉम, बीए जैसे परंपरागत काेर्स में पढ़ रहे हर छात्र काे कम से कम एक वोकेशनल विषय चुनना अनिवार्य है। संभाग के 141 कॉलेज और सेकंड ईयर में पहुंचने वाले 81 हजार छात्र शामिल हैं।

सारे विषय अहम हैं- छात्र के पास जो भी विकल्प हैं, वह किसी न किसी स्किल से जुड़े हैं। ये सभी जॉब ओरिएंटेड प्रैक्टिकल विषय हैं। नई पॉलिसी में जो छात्र ग्रेजुएशन में चार साल का कोर्स पढ़ेंगे, उन्हें पीजी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन एक साल का ही करना होगा। यूजी तीसरे वर्ष का स्कोर 7.5 होने पर ही चौथे वर्ष में प्रवेश मिलेगा। इन छात्रों को चौथे वर्ष में रिसर्च मैथडोलॉजी पढ़ना होगी। डिग्री भी इन्हें ऑनर्स (एवं रिसर्च) नाम से मिलेगी।

खबरें और भी हैं...