छात्राओं को बाहर चलने और अकेले मिलने बुलाते हैं प्रोफेसर:धार्मिक कट्टरता फैलाने का भी आरोप; इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज का मामला

इंदौर4 महीने पहले
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इंदौर में शासकीय लॉ कॉलेज में कुछ शिक्षकों पर धार्मिक कट्‌टरता फैलाने और छात्राओं को बाहर चलने और अकेले में कैफे पर मिलने के लिए भी बुलाने का आरोप लगा है। इसे लेकर छात्र नेताओं ने कॉलेज में हंगामा किया। विवाद बढ़ने के बाद कॉलेज प्रशासन ने 6 शिक्षकों को 5 दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया। साथ ही मामले में जांच की बात भी कही है। उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक तक भी बात पहुंची है।

मामला शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय का है, यहां प्राध्यापकों पर धार्मिक कट्‌टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसकी शिकायत कॉलेज प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान से की थी। उनका कहना है कि शिक्षक अधिकांश समय इस्लाम से जुड़ी बातें करते हैं, जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। जिसके बाद प्राचार्य ने मामले की जांच स्वतंत्र समिति से कराने और जांच पूरी होने तक 5 दिन के लिए आरोपी शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश दे दिया।

किताब में धारा 370, RSS सहित हिन्दू संगठनों पर आपत्तिजनक लेख
सबूत के तौर पर छात्र संगठनों ने प्राचार्य के सामने वो किताब भी रखी, जिसके जरिए कॉलेज में हिंदू धर्म के खिलाफ और मुस्लिम धर्म के पक्ष में पढ़ाया जा रहा है। ये किताब कॉलेज की लाइब्रेरी में मौजूद हैं। इसका नाम 'सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति' है। इसमें अनुच्छेद 370, आरएसएस सहित अन्य कई हिन्दू संगठनों को लेकर आपत्तिजनक लेख लिखे हैं। यह किताब लेखिका फरहत खान ने लिखी है। प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान बोले लेखक और प्रकाशक इसके लिए दोषी, लाइब्रेरी में किताब कैसे आई इसकी जांच करवाएंगे। कमेटी ने लाइब्रेरी में किताब का सिलेक्शन कैसे किया, इसकी भी जांच होगी। इस संबंध की सभी किताबों को नष्ट कराया जाएगा।

स्टूडेंट्स ने बतौर सबूत एक किताब के कुछ लेख भी हाईलाइट कर प्राचार्य के सामने रखे।
स्टूडेंट्स ने बतौर सबूत एक किताब के कुछ लेख भी हाईलाइट कर प्राचार्य के सामने रखे।

जानिए क्या है पूरा मामला
ABVP के छात्र नेताओं ने शिक्षकों पर कॉलेज का माहौल खराब करने और विवादित टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है। यह भी कहा है कि कुछ शिक्षक छात्राओं को बाहर चलने और अकेले में कैफे पर मिलने के लिए भी बुलाते हैं। इंटरनल मार्क्स का हवाला देकर छात्राओं पर दबाव बनाया जाता है।

गुरुवार को इस संबंध में ABVP के प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने कॉलेज पहुंचकर प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान का घेराव किया। हंगामे के दौरान कुछ विद्यार्थियों ने कहा कि कक्षाओं में राष्ट्र विरोधी मानसिकता का प्रचार-प्रसार किया जाता है। शिक्षक अधिकांश समय इस्लाम से जुड़ी बातें करते हैं, जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।

छात्राओं को मिलने के लिए कैफे बुलाने और कक्षाओं में राष्ट्र विरोध मानसिकता का प्रचार-प्रसार के खिलाफ अभाविप ने कॉलेज में हंगामा किया।
छात्राओं को मिलने के लिए कैफे बुलाने और कक्षाओं में राष्ट्र विरोध मानसिकता का प्रचार-प्रसार के खिलाफ अभाविप ने कॉलेज में हंगामा किया।

प्रोफेसर लेट नाइट इमोजी भेजते हैं: छात्रा
कॉलेज की एक छात्रा से जब इस मामले में पूछा गया तो उसका कहना था कि इंदौर में लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। हमारे कॉलेज में भी ये सब चल रहा है। हमारे एक प्रोफेसर हैं अमीक सर, वो लड़कियों को अपने साथ मूवीज, पब, डिस्को और कैफे ले जाते हैं। सर उन्हें लेट नाइट मैसेज करते हैं, लव ईमोजी भेजते हैं। उनका बिहेवियर लड़कियों को आकर्षित करने वाला रहता है।

हमारे एक और सर हैं मिर्जा सर, वो नई शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं। सभी बच्चों से हस्ताक्षर ले रहे हैं। यहां पर सबसे ज्यादा लव जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है। हमारी क्लास में भी ऐसे बच्चे हैं जो इसे बढ़ावा दे रहे हैं। इसकी हमने शिकायत भी की थी, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।

एक अन्य छात्रा ने बताया कि हमें तो कभी बाहर नहीं बुलाया गया, लेकिन कॉलेज की कई स्टूडेंट ऐसी हैं, जो सर के साथ कैफे, पब और मूवी देखने बाहर जाती हैं। सोशल मीडिया पर स्टोरी भी अपलोड की गई है। टीचर की ड्यूटी कॉलेज में आकर अच्छे से पढ़ाने की है। यहां से लड़कियों को क्लब और पब लेकर जाना गलत है। इंटरनल मार्क्स का हवाला देकर छात्राओं पर दबाव डाला जाता है। आज के टाइम में स्टूडेंट और टीचर का ऐसे जाना ठीक नहीं है।

स्टूडेंट्स ने प्राचार्य के सामने सबूत के तौर पर उस किताब 'सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति' को रखा, जिसमें हिंदू धर्म के खिलाफ और मुस्लिम धर्म के पक्ष में बातें लिखी हैं।
स्टूडेंट्स ने प्राचार्य के सामने सबूत के तौर पर उस किताब 'सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति' को रखा, जिसमें हिंदू धर्म के खिलाफ और मुस्लिम धर्म के पक्ष में बातें लिखी हैं।

कॉलेज का माहौल खराब कर रहे: ABVP
कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष अभाविप के दीपेन्द्र सिंह ठाकुर ने इस मामले में कहा कि कॉलेज में कुछ शिक्षक माहौल खराब करने और कट्‌टरता व धर्मान्धता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। उनके बारे में प्रिंसिपल को शिकायत ही है। दीपेन्द्र ने बताया कि ये शिक्षक शुक्रवार को जुम्मे की नमाज पढ़ने बच्चों की पढ़ाई बीच में छोड़कर चले जाते हैं। हमारे तो सप्ताह के सातों दिन त्योहार रहते हैं तो हम भी रोज ऐसा कर सकते हैं, लेकिन ये शिक्षा का मंदिर है। इसे धर्म से अलग रखा जाना चाहिए।

दीपेन्द्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि इतिहास में जब मुगलों के बारे में पढ़ाने की बात आती है तो उनका महिमा मंडन करते हैं। बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, वहीं हिन्दू राजाओं के बारे में बात करते समय उनकी उपलब्धियों के बारे में चर्चा नहीं करते। प्रिंसिपल सर ने पांच दिन में जांच कर दोष साबित होने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मामले में प्राचार्य का कहना है...
नवीन विधि महाविद्यालय के प्राचार्य इनार्मुरहमान का कहना है कि आज तक इस कॉलेज में ऐसा कुछ नहीं हुआ। यहां के सभी टीचर पढ़ाई और काम के प्रति समर्पित हैं। रात को देर तक बैठकर काम करते हैं। कॉलेज को नैक की बी ग्रेड मिली हुई है। हम लगातार ए ग्रेड हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आरोप लगाने वाले ABVP के छात्रों का कहना है कि हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है। उनका कहना है कि आरोपी शिक्षकों को बाहर किया जाए। मैंने उन्हें कहा कि ये मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं है, लेकिन छात्र अड़े हुए हैं। मैंने सभी आरोपी शिक्षकों को पांच दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया है। मामले में जांच बैठा दी है।

प्राचार्य ने जारी किया आदेश।
प्राचार्य ने जारी किया आदेश।

इन शिक्षकों को किया कार्यमुक्त
जिन शिक्षकों पर धार्मिक कट्‌टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं उनमें प्रो. अमीक खोखर, डॉ. मिर्जा मोजिज बेग, डॉ. फिरोज अहमद मीर, प्रो. सुहैल अहमद वाणी, प्रो. मिलिंद कुमार गौतम और डॉ. पूर्णिमा बीसे शामिल हैं। प्राचार्य ने भी अपने द्वारा जारी आदेश में इन शिक्षकों के नाम का उल्लेख किया है।

मौखिक शिकायत भी की थी
ABVP के प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान का कहना है कि धार्मिक कट्‌टरता फैलाने के संबंध में पूर्व में भी प्राचार्य को मौखिक शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। छात्राओं पर पब और कैफे के लिए शिक्षकों द्वारा दबाव बनाया जाता है। खुद छात्राओं ने प्राचार्य को इसकी जानकारी दी है। कॉलेज प्रशासन ने मामले में जांच की बात कही है।

अतिरिक्त संचालक ने प्राचार्य को बुलाया
मामले को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक डॉ. किरण सलूजा का कहना है कि धार्मिक कट्‌टरता फैलाने के संबंध में उन्हें शिकायत मिली है। मामले में कॉलेज प्राचार्य को चर्चा के लिए शुक्रवार को बुलाया है। साथ ही जांच करने के लिए कॉलेज प्रबंधन को कहा है।