इंदौर में छह माह बाद बना ग्रीन कॉरिडोर:अनमोल का लिवर देगा इंदौर के व्यक्ति को नया जीवन, दिल अहमदाबाद के व्यक्ति को

इंदौर6 महीने पहले
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सोहागपुर के अनमोल जैन के आर्गन तीन लोगों को नया जीवन देंगे। परिवार की सहमति के बाद अनमोल का लीवर इंदौर के चोथइराम अस्पताल में एडमिट पेशेंट को ट्रांसप्लांट होगा जिसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इसी तरह उसका दिल अहमदाबाद में एक व्यक्ति को तथा किडनी भोपाल के ही एक व्यक्ति को ट्रांस्प्लांट की जा रही है। इसके लिए भोपाल में पहली बार तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं। इसके तहत लीवर को इंदौर के चोइथराम अस्पताल करीब दो घंटे में पहुंचा दिया गया। खास बात यह कि ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट में अग्रणी इंदौर में इस बार लंबे अंतराल (छह माह ) के बाद ग्रीन कॉरिडोर बना है।

23 साल के अनमोल के अंगों से पांच लोगों को नया जीवन मिलेगा। उसका का दिल अहमदाबाद में धड़केगा। वहीं किडनी व दूसरे ऑर्गन भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद व हैदराबाद के मरीजों को दिए जाएंगे। पुलिस अफसरों की मौजूदगी में सुबह 9 बजे युवक के अंगों को भाव भीनी विदाई देकर रवाना किया गया। दरअसल, सोहागपुर के रहने वाले अनमोल जैन का 17 सितंबर को एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अनमोल के भाई गौरव जैन ने बताया की पूरे परिवार ने फैसला किया कि अगर किसी को नई जिंदगी मिले तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। अस्पताल के डॉक्टरों के साथ चर्चा के बाद परिवार ने सहमति जताई। अस्पताल प्रबंधन ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी से संपर्क कर अंगदान की प्रक्रिया पूरी की।

- सुबह 9:40 पर पहली एम्बुलेंस एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई।

- दूसरी एम्बुलेंस 10:03 बजे इंदौर के लिए रवाना हुई जो दोपहर 12.05 इंदौर पहुंची। इस दौरान रास्ते में सीहोर, आष्टा, सोनकच्छ और फिर इंदौर में जैसे ही एम्बुलेंस पहुंची तो उसके आगे संबंधित शहर की पुलिस की गाडी आगे रास्ता देते गई जिसके चलते केवल दो घंटे में लीवर इंदौर पहुंच गया। इसके साथ ही चोइथराम अस्पताल में ट्रांसप्लांट शुरू किया गया।

- तीसरी एम्बुलेंस 10:41 बजे चिरायु अस्पताल के लिए रवाना हुई।

भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल भेजी किडनी

डॉक्टरों की टीम द्वारा अनुमति मिलने के बाद अंग-प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की गई। जानकारी के मुताबिक अनमोल की किडनी भोपाल में ही मरीज को दी जाएगी। किडनी प्रत्यारोपण चिरायु मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा। वहीं लीवर इंदौर के एक मरीज को दिए जाएंगे। इसके साथ ही आंख और त्वचा को हमीदिया अस्पताल को दिया गया है।
लंग्स डोनेशन को लेकर भी चल रही कोशिशें
अनमोल के परिजन लंग्स भी दान करना चाहते थे। इसके लिए अंगदान समिति ने इसके लिए राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) से संपर्क किया। हालांकि देर रात तक इसके लिए कोई रिसीवर नहीं मिल सका था। अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही कोई रिसीवर मिलेगा, लंग्स को निजी विमान से मरीज के पास भेज दिया जाएगा।
पहली बार तीन कॉरिडोर
अंगों को सुरक्षित मरीजों को पहुंचाने के लिए सुबह सात बजे पहला ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसमें अनमोल के दिल को सिद्धांता अस्पताल से एयरपोर्ट पहुंचाया गया। यहां से दिल विशेष प्लेन से अहमदाबाद भेजा जाएगा। वहीं दूसरा कॉरिडोर सिद्धांता अस्पताल से चिरायु अस्पताल के बीच बनाया गया जिससे किडनी पहुंचाई गई। वहीं आखरी कॉरिडोर से लिवर को सिद्धांता अस्पताल से इंदौर ले जाया जाया गया है।
कौन सा अंग कहां भेजा
दिल : अहमदाबाद
किडनी : सिद्धांता, चिरायु भोपाल
लिवर : इंदौर

आई और स्किन : हमीदिया भोपाल

लंग्स : तय नहीं

इंदौर में ट्रांसप्लांट को लेकर लंबा गेप

इधर इंदौर ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट में शुरू से ही अग्रणी रही है। यहां स्थानी सहित बाहर के कई लोगों के ब्रेन डेथ के बाग ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट हुए हैं। सबसे आखिरी बार ग्रीन कॉरिडोर 6 जून को बना था। यहां शेल्बी हॉस्पिटल में एडमिट मायाचंद्र बिरला निवासी खरगोन की ब्रेन डेथ हो गई थी। इस दौरान दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे।