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भय्यू महाराज की मौत के मामले में शुक्रवार को उनकी दूसरी पत्नी डाॅ. आयुषी ने कोर्ट में बयान दर्ज करवाए। पारिवारिक, शारीरिक परेशानी के चलते वह बयान देने नहीं आ रही थीं। आयुषी ने कहा- सेवादार शरद, पलक और विनायक आए दिन महाराज पर दबाव बनाते थे। उन्हें धोखे में रखकर दवा भी दिया करते थे। मौत से पहले इन लोगों ने महाराज से सुसाइड नोट लिखवा लिया था। पलक भी महाराज को धमकी देती कि मेरी जरूरत और मांग पूरी नहीं की, तो वीडियो बनाकर वायरल कर दूंगी। दाती महाराज जैसा बदनाम कर दूंगी। महाराज से डेढ़ से 2 लाख रुपए महीना तक ऐंठ लेते थे।
पुलिस की ओर से विमल मिश्रा, पलक की ओर से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर, शरद की ओर से धर्मेंद्र गुर्जर ने पैरवी की। जब आयुषी से पूछा गया कि महाराज के सात मोबाइल नंबर थे। क्या आपको इसकी जानकारी थी? आयुषी ने कहा- मुझे केवल एक मोबाइल की जानकारी थी। बाकी के बारे में नहीं पता। उन नंबर्स से किससे क्या बात करते थे, नहीं मालूम। मौत के बाद मैंने ही पुलिस को मोबाइल की जानकारी दी थी। महाराज अकसर मुझसे कहते थे कि सीने में भारीपन महसूस हो रहा है। पूरे मामले में दैनिक भास्कर आपको बता रहा है, सुबह से शाम तक हुए बयान की बातें...।
एडीपीओ गजराज सोलंकी ने बताया कि मामले में लंबे समय से महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी के बयान बाकी थे। शुक्रवार दोपहर 11:30 बजे आयुषी बयान देने जिला कोर्ट नंबर 48 में पहुंचीं। आयुषी ने बयान में कहा - महाराज से उनकी पहचान 5 नवंबर 2016 को मनीष खंडेलवाल नामक युवक के जरिए हुई थी, जिसके बाद 6 नवंबर 2016 से आयुषी ने महाराज के यहां मीडिया एवं मार्केटिंग का काम शुरू किया था, जिसमें उसके साथ 13 लोग शामिल थे।
20 नवंबर 2016 को महाराज ने आयुषी को शादी के लिए प्रपोज किया था, लेकिन आयुषी ने मना कर दिया था। बाद में आयुषी ने अपने मां-बाप और बड़ी बहन से बात करने के बाद महाराज को शादी के लिए हां किया था। 25 जनवरी 2017 को दोनों की कोर्ट में शादी हुई। उन्होंने आयुषी और मां-बाप से यह कहा था कि मेरी आस्तीन में बहुत सांप हैं, इसलिए हमें जल्द शादी करनी होगी।
30 अप्रैल 2017 को सार्वजनिक रूप से भय्यू महाराज ने शादी करने का निर्णय लिया था, लेकिन शादी के दिन सुबह ही पलक घर आई। गुरुजी पलक को देखकर कमरे में चले गए थे। उस वक्त घर में महाराज की बड़ी बहन मधुमति ने उन्हें देखा था। पलक ने मधुमति के पास जा कर कहा था कि यदि महाराज ने मुझसे शादी नहीं की, तो इसके परिणाम खराब होंगे।
आयुषी ने कोर्ट को यह भी बताया कि उसके साथ-साथ विनायक और शरद भी थे, जिन्होंने बड़ी ननद के सामने बोला था कि हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे। इसके बाद शरद हमसे झूठ बोलकर पलक के घर एक माह तक रुका था। बाद में गुरुजी कुछ दिन के लिए गुजरात चले गए थे। 16 जून को पलक ने गुरुजी से कहा, मैं जल्द ही तुम्हें जेल की हवा खिलाऊंगी। आयुषी ने यह भी बताया कि गुरुजी को पलक हरदा बुलाया करती थी, जहां वह उन पर जादू टोना और पूजा करवाती थी। विनायक कई बार ड्राइवर पाटिल के साथ बिना बताए गुरुजी को हरदा ले जाता था।
एक दिन विनायक गुरुजी को बिना रैपर की दवा दे रहा था, तब मैंने पूछा था कि यह कौन सी दवा है। इस पर विनायक ने मुझे बाहर जाने को कहा था। ऐसा कई बार इंजेक्शन लगाते समय भी हुआ था, लेकिन मुझे विनायक हमेशा बाहर भेज देता था। आत्महत्या के एक दिन पहले विनायक घर पर आया। महाराज को बाथरूम में ले गया और कुछ बोल कर चला गया। मैंने पूछा तो गुरुजी ने बताया कि पलक ने कहा है कि शादी नहीं की, तो मैं तुम्हारा हाल दाती महाराज जैसा कर दूंगी। विनायक ने आत्महत्या के एक दिन पहले यह बात गुरुजी को कही थी कि 16 तारीख याद है ना। उस दिन देर रात तक गुरुजी नहीं सोए और मैंने उनसे कहा कि हम पुलिस के पास चलते हैं। तब गुरुजी ने मना कर दिया कि मैं पुलिस के पास नहीं जा सकता, ना ही मीडिया को कुछ बता सकता हूं। महाराज ने उस दिन रात को कहा था कि यह लड़की मुझे जेल भिजवाएगी। आयुषी ने बयानों में यह भी कहा, पलक शादी के लिए महाराज पर लगातार दबाव बना रही थी।
आयुषी ने यह भी बताया कि पलक प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए घर का राशन और भाई की पढ़ाई का पूरा खर्च महाराज से ले रही थी। पलक के पिता आश्रम पर कब्जा करना चाहते थे। कई बार महाराज को इसकी धमकी भी देते रहते थे। गुरु पूर्णिमा पर फर्जी दान पर्ची छपवाकर उन्होंने कई लोगों से रुपए लिए, जिसकी जानकारी महाराज को पता पड़ गई थी। उस समय गुरुजी ने पलक से कहा था कि पापा से कहो, आश्रम छोड़ दें। पलक ने कहा था कि मुझे जो प्रतिमाह आप रुपए देते हो, उसकी रकम ढाई लाख रुपए कर दीजिए।
11 मई को पलक का जन्मदिन था, उस दिन महाराज की पलक के जन्मदिन में जाने की इच्छा नहीं थी, लेकिन शरद दबाव बनाकर महाराज को गुजरात ले गया। वहां 16 जून 2018 को शादी तय हुई। आयुषी ने बयानों में कह दिया कि पलक गुरुजी को बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दे रही थी और नींद की दवा उन्हें दी जाती थी। मामले में शरद और विनायक तीनों लोग उनके साथ मिले थे। शरद, विनायक और पलक तीनों इतने शातिर थे कि वह महाराज और उनकी मां को दोस्तों या परिचितों से अकेले में नहीं मिलने देते थे। जब परिवार द्वारा महाराज से पूछा गया, तो महाराज का कहना था कि मुझे कुछ दिन की मोहलत दो, मैं इस जाल से बाहर निकल आऊंगा।
आखिर में आयुषी ने बताया, विनायक कई बार कोरे चेक पर साइन करवाते थे। उस समय मैंने कई बार विनायक को कहा है कि चेक पर अमाउंट और जिसे दे रहे हो उसका नाम भी लिखवा कर आया करो। इस पर विनायक महाराज के हाथ से चेक बुक छीन कर बाहर चला जाता था और महाराज भी पीछे-पीछे जाते थे। अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार 1 फरवरी को रखी गई है।
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