मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी मुख्य विषयों की सूची में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्वीकृत कर्मकांड विषय को सम्मिलित नहीं किया गया है। जिसका विरोध मंगलवार को ब्राह्मण समाज द्वारा किया गया। ब्राह्मण संघर्ष समिति के बैनर तले समाजजन एकत्रित हुए संभागायुक्त कार्यालय पर महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
अपने ज्ञापन में समाज के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि म.प्र शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी मुख्य विषयों की सूची में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्वीकृत कर्मकांड विषय को शामिल नहीं किया गया है। जबकि शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर, मप्र का सर्वाधिक प्राचीन संस्कृत शिक्षण संस्थान है। यहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को रोजगार की दृष्टि से लगभग 20 वर्षों से प्रमुख रूप से कर्मकांड विषय का चयन करते हैं। ऐसे में संस्कृत के विद्यार्थियों हेतु सर्वाधिक उपयोगी एवं रोजगारपरक कर्मकांड विषय को अनायास बंद कर देना राष्ट्रीय नीति के व्यापक उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है। ज्ञापन देने के लिए महामंडेश्वर रामगोपाल दास महाराज, ब्राह्मण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनूप शुक्ला सहित प्रमोद जोशी, अजय दीक्षित आदि ज्ञापन देने पहुंचे।
कोर्ट जाने की तैयारी और सांकेतिक धरना प्रदर्शन भी करेंगे
ब्राह्मण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने बताया कि ज्ञापन सौपकर मांग की है कि कर्मकांड विषय को वापस से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। अगर आगामी 8 दिनों में मांग पूरी नहीं की जाती है कि इसे लेकर समाजजन कोर्ट जाने की तैयारी करेंगे। इसके साथ ही सांकेतिक धरना प्रदर्शन भी समाजजनों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही रणनीति तैयार की जाएगी।
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