इंदौर में एडमिट उज्जैन के एक आलू-प्याज व्यवसायी की ब्रेन डेथ के बाद परिजन ने उनका दिल, लिवर व दोनों किडनियां डोनेट की हैं। इसके लिए सोमवार को तीन ग्रीन कॉरिडोर बने। इसके तहत दिल सुबह 9.30 प्लेन से पुणे पहुंचाया गया। यह हार्ट वहां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे भारतीय सैनिक को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। विशेष ज्युपिटर हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट को लिवर, बॉम्बे हॉस्पिटल और चोइथराम अस्पताल में एडमिट दो पेशेंट को दोनों किडनियां ट्रांसप्लांट की जा रही हैं। यह शहर में 48वां ग्रीन कॉरिडोर बना था।
मामला शुभम पैलेस (उज्जैन) निवासी आलू-प्याज व्यवसायी प्रदीप आसवानी (34) का है। उनका 20 जनवरी की रात को एक्सीडेंट हो गया था। इस पर उन्हें संजीवनी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। वहां स्थिति गंभीर होने पर विशेष जुपिटर हॉस्पिटल इंदौर में एडमिट किया गया था। शनिवार को न्यूरो सर्जन डॉ. बसंत डाकवाले द्वारा परिवार को उनकी ब्रेन डेथ जानकारी दी गई। इसके साथ ही शनिवार व रविवार को डॉक्टरों की टीम ने उनका दोबारा परीक्षण कर ब्रेन डेथ घोषित किया। इस पर मुस्कान ग्रुप से सेवादार जीतू बगानी व संदीपन आर्य ने आसवानी परिवार से संपर्क कर उनसे अंगदान को लेकर काउंसलिंग की।
मां, भाई व बहन ने कहा कि दूसरों के लिए नई जिंदगी से बढ़कर कुछ नहीं
मामले में मां कविता, छोटे भाई चिराग, बहन वाणी रतनानी, नीलम ने सहमति दी और कहा कि अगर उनके अंगों से अन्य को नई जिंदगी मिलती है तो उन्हें इससे बड़ा कुछ और नहीं हो सकता। इस पर फिर ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट की तैयारियां की गई। सोमवार सुबह एक ग्रीन कॉरिडोर विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से एयरपोर्ट, दूसरा चोइथराम हॉस्पिटल के लिए तथा तीसरा बॉम्बे हॉस्पिटल के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। इसके पूर्व रविवार रात को पुणे से स्पेशल प्लेन से भारतीय सेना के AICTC हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन कर्नल. डॉ. सौरभ सिंह सहित 8 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम इंदौर पहुंची। सोमवार को तीनों कॉरिडोर के लिए ट्रैफिक पुलिस, सीआईएसएफ एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय कर ऑर्गन्स पहुंचाए गए जहां ट्रांसप्लांट की प्रोसेस शुरू हो गई।
लिवर इंदौर के व्यक्ति को ट्रांसप्लांट
स्व. आसवानी का लिवर इंदौर निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति जो कि एंड स्टेज लिवर डिसीज से ग्रसित था, उन्हें दोबारा जीवन जीने का मौका मिला क्योंकि युवक के परिजनों ने अंगदान का फैसला लिया। विशेष जुपिटर हॉस्पिटल के लिवर ट्रांसप्लांट टीम के डॉ. अमित बरफा, डॉ. गुरु शेट्टी, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, डॉ. अमोल, डॉ. भाविक शाह ,डॉ. अभिषेक, डॉ. जावेद , डॉ. सारिका देसाई, डॉ. सी एस पंडित की अनुभवी टीम ने 8 घंटे में सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट किया।
इनकी रही खास भूमिका
मामले में कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में ग्रीन कॉरिडोर व अंगदान की प्रक्रिया प्लान की गई। इसमें ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी महेशचंद जैन, अरविंद तिवारी के साथ ट्रैफिक के जवानों की अहम भूमिका रही जिससे रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। विशेष जुपिटर हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सीएस पंडित, सीनियर इंटेंसिविस्ट डॉ. भाविक शाह, जनरल मैनेजर मैनेजर डॉ. तुषार पाटिल, मुंबई हॉस्पिटल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ, अमित जोशी व ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीपा सिंह व टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंगों के आवंटन का काम एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष पुरोहित, शुभम वर्मा एवं निधि शर्मा द्वारा पूरा किया गया। अंगदान के दौरान सांसद लालवानी ने डीन डॉ. संजय दीक्षित तथा आसवानी परिवार से मुलाकात कर व्यवस्था को मजबूती दी गई। इसके साथ ही मुस्कान ग्रुप के सेवादार मोनीषा बगानी, लकी खत्री ने समन्वय बनाया।
मानव शृंखला बनाकर निकाली अंतिम सम्मान यात्रा, पुलिस बैण्ड से श्रद्धांजलि
ग्रीन कॉरिडोर और ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट में विशेष जुपिटर हॉस्पिटल का समस्त स्टाफ (डॉक्टर्स, नर्स, टेक्नीशियन, अन्य सपोर्टिंग स्टाफ), सांसद शंकर लालवानी, कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा, डॉ. संजय दीक्षित (एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर के डीन), डॉ. राजेश कासलीवाल (विशेष जुपिटर हॉस्पिटल इंदौर के मैनेजिंग डायरेक्टर), डॉ. तुषार पाटिल (जीएम) आदि के द्वारा अंगदान करने के लिए युवक के परिजन का आभार व्यक्त किया और साथ ही सम्मानपूर्वक अंतिम बिदाई दी गई व परिवार द्वारा अंगदान के निर्णय के लिए धन्यवाद दिया। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के निर्देश पर पुलिस बैंड द्वारा भावपूर्ण श्रद्धांजलि एव सलामी दी गई।
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