पैरों में टूटी चप्प्ल, जेब में महज चार सौ रुपए, बैग में कपड़े और खाने के नाम पर सेंव-परमल। पानी की एक बोतल, वो भी रास्ते में कहीं गिर गई। इतने सामान के भरोसे खेतिया की होटल में काम करने वाला नीरज कुमार अपनी साइकिल से निकल पड़ा 16 सौ किमी दूर अपने घर दरभंगा के लिए। नीजर जल्द से जल्द सफर पूरा करना चाहता है, इसलिए राऊ सर्कल पर पुलिसवालों ने मदद के लिए रोका तो भी रुकने को तैयार न था। लेकिन राऊ टीआई नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने मदद की तो दुआ देता हुआ रवाना हुआ। अंतत: राऊ थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने ट्रक से उन्हें पटना तक भिजवाने की व्यवस्था की बल्कि ये भी पुख्ता किया कि नीरज कुमार को आगे के सफर में भी कोई समस्या ना आए।
पुलिस ने रोका तो रुक ही नहीं रहा था, ट्रक में बैठा तो दुआ देने लगा
दो सौ किमी का सफर तय करने के बाद जब नीरज राऊ सर्कल पहुंचा तो टीआई रघुवंशी की नजर उस पर पड़ी। नीरज को हिम्मत देने के बाद उन्होंने बिहार जाने वाले एक ट्रक को रोका। उसमें नीरज को साइकिल सहित बैठाकर पटना जाने तक की व्यवस्था करवाई। खाना-पानी देने के साथ उसे नई चप्पल भी दी।
खेतिया के होटल में ही नीरज के रहने-खाने की सुविधा है, इसलिए तनख्वाह के 12 हजार घर भेज देता है ताकि वहां माता-पिता और दो छोटे भाइयों का खर्च निकल सके। नीरज कहता है कि पिछला लॉकडाउन तो होटल में गुजार लिया, लेकिन अब हिम्मत नहीं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.