गुरुवार को होने वाले कैबिनेट विस्तार में उषा ठाकुर का मंत्री बनना तय है। उन्हें भोपाल से फोन आ गया और वे देर रात ही इंदौर से रवाना हो गईं। दूसरा नाम रमेश मेंदोला का था, लेकिन उन्हें न फोन आया न ही प्रारंभिक सूची में उनका नाम था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस विस्तार में इंदौर को एक ही मंत्री मिलेगा। हालांकि देर रात तक ऐसी चर्चा भी थी कि सूची में कुछ नामों का हेरफेर हो सकता है। मेंदोला का दावा तीन बार का विधायक होने के साथ राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के करीबी होने से भी मजबूत माना जा रहा था।
हर बार कांग्रेस के गढ़ में जीत दर्ज कर पार्टी में बढ़ाया अपना कद
उषा ठाकुर की गिनती प्रदेश के उन नेताओं में है, जो सीट बदलकर चुनाव जीतते आ रहे हैं। सबसे पहला चुनाव उन्होंने 2003 में कांग्रेस के रामलाल यादव को एक नंबर क्षेत्र से हराकर जीता। ये चुनाव वे 27 हजार वोट से जीती थीं। दूसरा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के गढ़ तीन नंबर क्षेत्र में 2013 में लड़ा। कांग्रेस के 15 साल से विधायक अश्विन जोशी को हराकर वे चुनाव जीती। तीसरा चुनाव के लिए वे तीन नंबर क्षेत्र से ही दावा कर रही थीं, लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट महू से हो गया। वे वहां गईं और वहां भी चुनाव जीत गईं।
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