कोरोना के नए मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बुधवार को संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और कलेक्टर मनीष सिंह ने डॉक्टरों के साथ बैठक की। इसमें 42 निजी अस्पतालों के संचालकों, 4 शासकीय अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हुए। बैठक में कोविड संक्रमण को कैसे रोका जाए, इस पर चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि निजी अस्पताल काेरोना के लिए तय दरों पर ही इलाज करें, अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया, 11 फरवरी से जिले में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसका सबसे बड़ा कारण मास्क नहीं लगाने के साथ ही नियमों का पालन नहीं करना है। उन्होंने कहा, फिर वह समय आ गया है, जब आप सभी को कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में सहयोग करना होगा। संभागायुक्त ने सभी निजी एवं शासकीय अस्पतालों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने अस्पताल में ऐसे कर्मचारियों की सूची तैयार करें, जिन्होंने अभी तक कोविड वैक्सीनेशन नहीं करवाया है। उक्त सभी कर्मचारियों के मन में कोविड टीकाकरण अभियान के प्रति जो भ्रांतियां हैं, वे दूर कर उन्हें कोरोना से वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता सत्र लगाएं।
थ्री एस सिद्धांत का पालन कर कोरोना से करें बचाव
कलेक्टर सिंह ने निजी अस्पतालों के संचालकों से कोरोना इलाज के लिए पर्याप्त आईसीयू वार्ड और बेड आरक्षित कर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को तय गाइडलाइन के साथ ही कोरोना के इलाज के लिए पहले से तय दरों पर इलाज करने को कहा। इलाज के लिए तय की गई दरों में अनियमितता ना हो। साथ ही, उन्होंने लोगों ने अपील की है कि वे कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करें। उन्होंने कहा कि सभी मास्क लगाएं, सैनिटाइजर का उपयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। सहयोग, संयम तथा सतर्कता-थ्री एस सिद्धांत का पालन कर ही हम सुरक्षित रह सकते हैं।
75 प्रतिशत वर्कर्स को कोविड वैक्सीन का प्रथम डोज लगा
अपर कलेक्टर हिमांशु चंद्र ने बताया, जिले में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 75 प्रतिशत हेल्थ व फ्रंटलाइन वर्कर्स ने कोविड वैक्सीन का प्रथम डोज लगवाया है। कोविड के बढ़ते केस को दृष्टिगत रखते हुए इंदौर में हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए अभी भी प्रथम डोज के सेशन आयोजित किए जा रहे हैं।
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