हमने करोड़ों रुपए उन उद्योगों पर लगाए हैं जो पहले से स्थापित थे। तब भी हमारे करोड़ों रुपए डूब गए। अब इस बात की क्या गारंटी है कि हम जो पैसे नए बच्चों के स्टार्टअप पर लगाएंगे वह डूबेगा नहीं। यह सवाल एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने उठाए। कलेक्टर और सांसद ने शहर के उद्योगपतियों और स्टार्टअप संचालकों की बैठक बुलाई थी। बैठक का उद्देश्य था नए स्टार्टअप में स्थानीय उद्योगपतियों से निवेश कराना। ताकि स्थानीय स्तर पर इको सिस्टम बन सके।
प्रमोद डफरिया ने कहा एक ऐसा प्लेटफॉर्म डेवलप होना चाहिए। जिसमें स्टार्टअप अपनी पूरी जानकारी देने के साथ ही यह बता सकें कि वह भविष्य में किस तरह से काम करेगा। इसमें वे यह आश्वस्त कर सकें कि निवेशकों को भले ही फायदा न हो पर पैसा नहीं डूबे। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कहीं भी इंवेस्टमेंट करे तो उसमें फेक्टर ऑफ रिस्क तो रहता ही है। वहीं डॉ. निशांत खरे ने कहा कि यह तो दुनिया में कोई गारंटी नहीं दे सकता कि कौन सा निवेश पूरी तरह सफल हो सकेगा। बैठक में चुनिंदा स्टार्टअप संचालकों के साथ ही शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति शामिल हुए।
22 एकड़ में स्टार्टअप हब बनेगा
कार्यक्रम में डॉ. निशांत खरे ने उद्योगपतियों से कहा कि विदेशी लोग हमारे यहां के स्टार्टअप पर भरोसा कर रहें है तो आप भी उन पर भरोसा करें। वहीं वर्किंग की समस्या को देखकर स्टार्टअप हब बनाया जा रहा है। यह हब सुपर कॉरिडोर पर 22 एकड़ जमीन पर 3 साल में बनकर तैयार हो जाएगा। जहां पर सभी सुविधाएं रहेंगी।
ब्यूरोक्रेटस ने पॉलिसी तैयार नहीं की
खरे ने आगे बताया कि यह स्टार्टअप पॉलिसी इस बार ब्यूरोक्रेट्स ने मिलकर तैयार नहीं की है। इसे स्टार्टअप संचालकों ने उनके साथ बैठ कर तैयार की है। यह पॉलिसी का ड्राफ्ट मात्र 5 हफ्ते के अंदर ही तैयार हो गया था। वहीं हम कोशिश कर रहे है कि इकॉनोमिक कॉरिडोर पर कहीं 225 एकड़ जमीन मिल जाएं, जहां पर सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट बनाया जा सके। इसके लिए हम सीएम से बात करेंगे।
उद्योगपति स्टार्टअप को तकनीकी व वित्तीय मदद करें
कार्यक्रम में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं है। यहां के युवा नई जोश और नई उत्साह से काम कर रहे है। इन्हें वित्तीय अन्य मदद देने के लिये भी कारगर कदम उठाये जा रहे है। उन्होंने स्थापित उद्योगपतियों से कहा कि वे स्टार्टअप को तकनीकी एवं वित्तीय मदद करें। उनके साथ अपने अनुभव सांझा करें।
इंदौर स्टार्टअप का हब बने
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि स्टार्टअप प्रतिनिधियों से सुझाव लेकर नीति बनाई गई है। प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये तेजी से अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि इंदौर स्टार्टअप का हब बनें।
उद्योगपतियों ने दिए यह सुझाव
- इन्क्यूबेशन सेंटर की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जाए, ताकि अच्छे स्टार्टअप बढ़ सकें।
- क्यूरेटर की टीम शहर में बनाई जाए।
- डिजीटल मार्केटिंग के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाए।
- IIT और IIM को भी शामिल किया जाए।
- सक्सेसफुल स्टार्टअप की लिस्ट तैयार की जाए ताकि इन्वेस्टर्स का लगाया सभी पैसा डूबे नहीं।
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