तापमान बढ़ने की वजह से इस बार वैवाहिक सीजन की ग्राहकी पूरी तरह पीट गई है। पिछले माह में अक्षय तृतीया पर भी बाहर माल नहीं के समान गया, वरन् इस तिथि पर अच्छी मात्रा में ग्राहकी निकलती रही है। गर्मी का प्रकोप जारी है। बाजार में सन्नाटे की स्थिति बनी हुई है। बादाम-खोपरा गोला घटता जा रहा है। अगले सप्ताह वर्तमान भावों पर शकर में मांग निकलने की आशा रखी जाती है। गुड़ के भावों में सुधार रहा। उत्पादक क्षेत्र में 50 हजार किलो हरी इलायची की आवक बनी हुई है। जून-जुलाई में नया सीजन शुरू हो जाएगा। इंदौर, दिल्ली, एवं अन्य उत्पादन सेंटरों के व्यापारियों ने कोल्ड में हरी इलायची का बड़ी मात्रा में स्टॉक किया है।
सामान्यत: हरी इलायची भी खपत का समय गर्मी का सीजन होता है। इस बार सीजन में ग्राहकी ने जोर ही नहीं पकड़ा, जबकि भाव पिछले वर्षों की अपेक्षा काफी कम हैं। हरी इलायची का उत्पादन सामान्य मौसम की वजह से उत्पादन लगातार अधिक हो रहा हैं। घरेलू खपत में नहीं बढ़ सकी है। सभी उत्पादक सेंटरों पर उत्पादकों की बेचवाली का दबाव बना हुआ है। इस बार स्टॉक उपभोक्ता सेंटरों पर हो गया है। इसका असर उत्पादकों पर नए सीजन पर पड़ सकता है। रूस-यूक्रेन युद्ध एवं गेहूं के निर्यात की वजह से जिस मात्रा में निर्यात होना चाहिए था, उतना नहीं हो सका।
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