एमजीएम मेडिकल कॉलेज के बॉयज होस्टल परिसर के बी-ब्लॉक पर डाॅ. भीमराव आंबेडकर का नाम मिटाने को लेकर मंगलवार को बवाल मच गया। बताया जा रहा है कि छात्रों के ही दो गुटों के बीच नामकरण को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इन्हीं में से एक गुट ने दूसरे गुट के छात्रों पर नाम हटाकर सफेद रंग पुतवाने का आरोप लगाया।
मामले ने तूल पकड़ा और दोपहर में इसकी जानकारी संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा और डीन डॉ. संजय दीक्षित तक पहुंची। आंबेडकर अनुयायी, भीम आर्मी, अजाक्स सहित कुछ अन्य संगठन के नेता वहां पहुंचे और इसी दौरान बड़ी संख्या में छात्र भी इकट्ठा हो गए। इसके फोटो और वीडियो संभागायुक्त के पास पहुंचे। फिर डीन को जानकारी मिली।
कॉलेज प्रशासन ने अजाक्स के पदाधिकारियों से पेंटर को बुलवाने के लिए कहा और दोबारा डॉ. आंबेडकर का नाम लिखा गया। इस मामले में डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है होस्टल परिसर में पुताई का काम चल रहा है। छात्र खुद पैंट करवा रहे थे। नाम पुराना हो रहा था। इसलिए उसे दोबारा लिखवा दिया गया है।
वहीं अजाक्स के करण भगत ने कहा होस्टल पर लिखे नाम को मिटाने की बात 15 दिन से चल रही थी। हम पहले ही कह चुके थे कि नाम नहीं मिटाया जाए। इस बीच फिर जानकारी मिली कि नाम मिटाने के निर्देश दिए हैं। वहां छात्रों का एक समूह किसी अन्य का नाम लिखना चाहता था।
वहीं के छात्रों की हरकत है
वहां दोनों वर्गों के छात्रों का विवाद चल रहा है। वहीं के कुछ छात्रों ने नाम पुतवाया। आरक्षित वर्ग के छात्रों ने इसका वीडियो बनाया और कमिश्नर को जानकारी दी गई। हम मौके पर पहुंचे तो वहां भी विवाद हो रहा था। हर ब्लॉक पर नाम लिखवाने का बोल रहे थे। हमारी आपत्ति के बाद नाम लिखा गया।डॉ. आनंद राय, आरटीआई एक्टिविस्ट
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