• Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Indore
  • During Drug Trial, 35 Lives Were Lost In Indore, The Department Is Preparing To Acquit The Accused Doctors By Taking 'half The Earnings'

ड्रग ट्रायल में मरने वालों के साथ एक और अन्याय!:इंदौर में 35 जानें गईं, आरोपी डॉक्टर्स से ‘आधी कमाई’ लेकर बरी करने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग

इंदौरएक वर्ष पहलेलेखक: नीता सिसौदिया
  • कॉपी लिंक
छह डॉक्टर की सिर्फ वेतनवृद्धि रोककर पहले ही बंद कर चुके जांच, अब इनसे भी वसूलेंगे पैसा। - Dainik Bhaskar
छह डॉक्टर की सिर्फ वेतनवृद्धि रोककर पहले ही बंद कर चुके जांच, अब इनसे भी वसूलेंगे पैसा।

ड्रग ट्रायल के दौरान इंदौर में करीब 35 मरीजों की मौत हुई। ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार करीब 81 को गंभीर दुष्परिणाम का सामना करना पड़ा। केस लोकायुक्त तक भी पहुंचा। अब विभाग स्वास्थ्य इन डॉक्टर्स से ड्रग ट्रायल में हुई कमाई का आधा हिस्सा लेकर बरी करने की तैयारी में है।

छह डॉक्टर की वेतन वृद्धि रोककर उनकी जांच पहले ही बंद की जा चुकी है। अब शेष छह डॉक्टर्स को पैसा जमा कराने के नोटिस दिए गए हैं। इनमें से तीन डॉक्टर्स ने पूरी और दो ने आंशिक राशि जमा भी कर दी है। मेडिकल कॉलेज की एथिकल कमेटी का अनुमान है कि डॉक्टर्स ने करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए ड्रग ट्रायल से कमाए हैं। सूत्रों का दावा है कि आधी रकम लेकर इन्हें भी जांच से मुक्त करने की तैयारी है।

राजदान, वर्मा और जैन ने दिए पूरे पैसे

पूर्व डीन डॉ. पुष्पा वर्मा, डॉ. रामगुलाम राजदान और डॉ. हेमंत जैन पूरा पैसा जमा कर चुके हैं। डॉ. अनिल भराणी और डॉ. अशोक वाजपेयी ने कुछ हिस्सा जमा किया है। डॉ. सलील भार्गव ने जमा नहीं किया है।

ऐसे हुआ हिसाब

एमजीएम के 6 नियमित डॉक्टर्स का ड्रग ट्रायल से कमाई का जो हिसाब बना है वह भी दिलचस्प है। डॉक्टर्स ने कुल 5 करोड़ 79 लाख 65 हजार 817 ट्रायल से कमाए। इनमें से आधा पैसा उन्होंने ट्रायल के दौरान स्टाफ व अन्य पर 2 करोड़ 79 लाख रुपए खर्च बता दिया। कमाई 3 करोड़ 67 हजार हुई। इसका 50% यानी 1.5 करोड़ रुपए जमा होना है।

2008 में सामने आया था ड्रग ट्रायल

ड्रग ट्रायल मामला 2008-09 में सामने आया था। 2011-12 में एमजीएम कॉलेज के डॉक्टर्स इसमें लिप्त पाए गए। विधानसभा में मामला उठने के बाद सरकार ने ईओडब्ल्यू व लोकायुक्त को जांच सौंपी। कुछ डॉक्टर्स पर जुर्माना भी लगाया गया। ऑटोनोमस डॉक्टर्स की वेतनवृद्धि रोकी गई थी।

मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा

राशि वसूलने संबंधी आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से उपसचिव के.के. दुबे ने जारी किया है। उनसे जब इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने यह कहते हुए फोन काट दिया कि मैं इस बारे में कुछ बात नहीं करूंगा। डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा, इस बारे में भोपाल से ही कार्रवाई चल रही है।

खबरें और भी हैं...