इंदौर में टुकड़ों वाली बारिश जारी है। मंगलवार को भी पूरे शहर को काले बादलों ने घेरा, लेकिन बारिश पूर्वी हिस्से के ही कुछ एरिया में हुई। पश्चिम क्षेत्र सूखा ही रह गया। दोपहर में काले घने बादल छाए और बायपास की ओर तेजी से बरसे। करीब 20 मिनट तक यहां बारिश हुई। वहीं, शहर के ज्यादातर हिस्से में तो एक बूंद भी पानी नहीं गिरा। यह स्थिति कोई पहली बार नहीं है। इस साल सीजन के शुरुआत से ही इस प्रकार की बारिश हो रही है।
इसके पहले रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात को शहर में दो तरह का मानसून बरसा। रीगल से लेकर बायपास तक के हिस्से में लगभग एक घंटे तक मूसलधार बारिश हुई। यह आंकड़ों में 25 मिमी यानी 1 इंच रिकार्ड हुई। वहीं, एयरपोर्ट से लेकर राजबाड़ा, राजेंद्र नगर तक के हिस्से में इसी अवधि में आधा इंच 12.8 मिलीमीटर पानी बरसा। इस तरह शहर में कुल बारिश के दो अलग-अलग आंकड़े हो गए हैं। पूर्वी इंदौर में जहां 6 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, पश्चिमी हिस्से में 3.8 इंच बारिश रिकार्ड हुई है।
बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम सक्रिय होकर आगे बढ़ रहा है। अगले एक-दो दिन में यह सिस्टम पूर्वी मध्यप्रदेश से बारिश की शुरुआत करेगा। इस सिस्टम से भी शहर को कुछ बारिश और मिल सकती है। जुलाई में 10 इंच तक पानी बरसना चाहिए। इस हिसाब से अभी 6 इंच बारिश की और जरूरत है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में जिस तरह से सिस्टम बन रहे हैं, उससे अनुमान है कि जुलाई के बचे हुए दिनों आंकड़ा 6 से 8 इंच तक पहुंच जाएगा।
पूर्व पिछले पांच साल से आगे
शहर का पूर्वी हिस्सा यानी रीगल से लेकर पलासिया, विजय नगर, तिलक नगर, बायपास तक के हिस्से में पिछले पांच साल से बारिश पश्चिमी इंदौर यानी राजबाड़ा से एयरपोर्ट, राजेंद्र नगर, बाणगंगा के मुकाबले ज्यादा हो रही है। हर साल दोनों हिस्सों में 3 से 5 इंच तक का फर्क रहता है। 2019 में पूर्व में जहां 60 इंच पानी गिरा था। वहीं, पश्चिम में आंकड़ा 55 पर ठहर गया था। 2020 में पश्चिम में 53 इंच पानी गिरा था तो पूर्व में 58 पर आंकड़ा पहुंच गया था।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.