हादसे में पांच माह के मासूम को खोने वाली मां 4 दिन बाद भी इस बात से अनजान है। अस्पताल में भर्ती मां को यहीं बताया है कि मासूम अभी आईसीयू में भर्ती है उसका इलाज चल रहा है।
वहीं मासूम के पिता भी पत्नी को संभालने में लगे है। अस्पताल में पत्नी का ध्यान रखने के साथ ही वह शीतल के सवालों के जवाब भी दे रहे हैं, ताकि उसकी तबीयत और न बिगड़ जाए।
पहले जान लीजिए पूरा मामला…
दरअसल, शुक्रवार की रात को कनाड़िया थाना क्षेत्र में झलारिया फाटे से प्रदीप का परिवार जा रहा था। मजदूरी करके लौट रहा परिवार रिक्शा के लिए इंतजार कर रहे थे। प्रदीप के पास उसकी तीन साल की बेटी जिज्ञासा थी और मां शीतल के हाथ में 5 माह का मोक्ष था। मां, मोक्ष के साथ रोड पार कर रही थी, तभी देवास की ओर से आ रही तेज रफ्तार एक कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।
टक्कर लगने से दोनों 10 फीट ऊपर उछल कर गिए गए। हादसे के बाद प्रदीप ने पास में बनी दुकान से बाइक लेकर कार चालक का पीछा कर उसे पकड़ लिया था। कार चालक को पुलिस के हवाले भी कर दिया। इधर, आसपास के लोगों ने मां-बेटे को निजी अस्पताल भेजा, जहां से उन्हें एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया।
यहां डॉक्टरों ने पांच माह के मासूम की मौत की पुष्टि कर दी थी। वहीं घायल शीतल को प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करना पड़ा। शीतल के सिर में चोट के कारण टांके आए और हाथ व पैर में फ्रेक्चर हो गया। शनिवार को पुलिस ने एमवाय अस्पताल में मोक्ष का पीएम करवाया था।
कहा एमवाय अस्पताल में भर्ती है
प्रदीप ने बताया कि पत्नी पूछती है कि मोक्ष कहां है। हमने उसे अभी यही बताया है कि मोक्ष का अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह एमवाय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। वहीं प्रदीप की बड़ी बेटी भी इस बात से अनजान है। प्रदीप का कहना है कि वह अभी छोटी है, इसलिए वह समझ नहीं पा रही है।
पहले बेहतर है मां की तबीयत
इधर, प्रदीप ने बताया कि शीतल की तबीयत में पहले से काफी सुधार है। डॉक्टरों ने अस्पताल से छुट्टी का भी बोल दिया है। शीतल की सेहत में सुधार हुआ है, जिसके बाद वे उन्हें घर ले जाएंगे। हालांकि मोक्ष के जाने से परिवार में गम का माहौल है।
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