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इंदौर में 17-18 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार:अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज में स्वर्ण जयंती समारोह में आएंगे देश-विदेश के एक्सपर्टस

इंदौर4 महीने पहले
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आगामी 12 दिसंबर 2022 को आयुष विभाग मध्यप्रदेश शासन, शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज, लोकमान्य नगर इंदौर अपने 50 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस संस्थान की स्थापना 1921 में परम पूज्य स्वामी द्वारकादत्त महाराज द्वारा ब्रह्मचर्य आश्रम ट्रस्ट के रूप में की गई थी। 12 दिसंबर 1972 को मध्यप्रदेश शासन द्वारा इसका अधिग्रहण करके शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज नाम दिया गयाl इसी के उपलक्ष्य में 17- 18 दिसंबर को शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एक शैक्षणिक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार एवं महाविद्यालय के पूर्व छात्रों का मिलन समारोह आयोजित होगाा

अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में आयुष विभाग भारत सरकार से संबंधित सभी संस्थानों के एवं मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग के शिक्षक चिकित्सक, वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक, परंपरागत वैद्य, प्रशासनिक अधिकारी रिसर्च स्कॉलर, औषधि निर्माता एवं विक्रेता, छात्र-छात्राएं अनेक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। सेमिनार के संयोजक डॉ सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का विषय "सिद्धांतकॉन" रखा गया है। इसमें हजारों वर्ष पूर्व आयुर्वेद मे बताए गए सिद्धांतों के द्वारा आधुनिक परिप्रेक्ष्य मे किस प्रकार मरीजों को इलाज की सुविधाएं एवं शिक्षण परंपरा को और बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर विचार किया जाएगा। कार्यक्रम में विभिन्न वैज्ञानिक सत्र में भारत और विदेशों से आए विशेषज्ञों द्वारा आत्मनिर्भर भारत में आयुर्वेद की उपयोगिता मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले आयुर्वेद औषधि पौधों की खेती, संरक्षण एवं उपयोगिता, आहार चिकित्सा, रोगों से बचाव, आयुर्वेद में आत्यायिक चिकित्सा, योगा द्वारा स्वास्थ्य, प्रकृति विज्ञान, मर्म उपचार, पंचकर्म चिकित्सा, क्रिया कल्प चिकित्सा एवं शल्य कर्म में आने वाले यंत्र शस्त्र के सिद्धांत एवं प्रायोगिक पक्ष पर विचार किया जाएगा।

आयुर्वेद क्रियाओं का होगा डेमोस्ट्रेशन

इसके साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा के प्रायोगिक तरीकों को सेमिनार में विशेषज्ञों द्वारा बताया जाएगा। इसमें डॉ. नरेंद्र गुजराती, जलगांव महाराष्ट्र के द्वारा सुश्रुत सर्जिकल प्रोसीजर के लिए पेटेंट इंस्ट्रूमेंट का डेमो, डॉ नवीन जोशी, देहरादून उत्तराखंड द्वारा मर्म चिकित्सा का डेमो, डॉ संजय छांजेड, मुंबई महाराष्ट्र द्वारा नाड़ी परीक्षा एवं डॉ. आशुतोष द्विवेदी, रीवा मध्य प्रदेश द्वारा बिना एनएसथीसिया के दांत को निकालने का डेमो दिया जाएगा।

वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन

कार्यक्रम के पहले दिन 17 दिसंबर को डॉ. बनवारी लाल गौड़ (पूर्व कुलपति राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर), डॉ महेश व्यास (डीन, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट आफ आयुर्वेद, नई दिल्ली), डॉ एके सिंह (कुलपति, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश), डॉ. अशोक खंडेलवाल (कुलपति, मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर), डॉ. रामबाबू द्विवेदी (पूर्व निदेशक, आईपीजीटी एण्ड आरए जामनगर), डॉ. गजेंद्र कुमार जैन (पूर्व प्रभारी प्राचार्य, अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज इंदौर:), डॉ मुकुल पटेल (कुलपति गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जामनगर, गुजरात) डॉ एसएन गुप्ता (कुलपतिमगन भाई एजेंनवाला महागुजरात विश्वविद्यालय नांदेड़, गुजरात) द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे ।

कार्यक्रम के दूसरे दिन पूर्व जॉइंट डायरेक्टर आयुष विभाग डॉ. सोमेंद्र मिश्रा, डॉ उमेश शुक्ला (प्राचार्य, गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज), पंडित खुशीलाल शर्मा भोपाल, डॉ. रघुराम भट्ट (मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड आईएसम नई दिल्ली), प्रो. राकेश शर्मा (अध्यक्ष बोर्ड ऑफ इथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन फोर आईएसएम), डॉ एलएल अहिरवार (गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज, जबलपुर), डॉ. प्रभंजन आचार्य, डॉ. संतोष नैय्यर (एचओडी मौलिक सिद्धांत विभाग) चौधरी ब्रह्म प्रकाश (आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली), डॉ़. रीता मारवा भोपाल द्वारा आयुर्वेद के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए जाएंगे।

आयुर्वेद विषयों पर पोस्टर प्रेजेंटेशन

सेमिनार में आए हुए प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न विषयों पर पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। सेमिनार में विभिन्न आयुर्वेद फार्मा कंपनियों के द्वारा, सीसीआरएएस एवं आयुर्वेद चिकित्सा से संबंधित प्रदर्शनी का स्टॉल के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जाएगी एवं जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही समाज में आधुनिक विषय से जुड़े हुए संस्कृति कार्यक्रम, गायन, गीत एवं मध्य प्रदेश संस्कृति से जुड़े हुए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में महाविद्यालय से निकले देशभर में काम कर रहे डॉक्टर का आपस में परिचय एवं अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों की जानकारी प्रदान की जाएगी।

विदेशी अतिथियों का पारंपरिक स्वागत

कार्यक्रम में भारत के बाहर लगभग 10 देशों से अतिथि भी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इनके द्वारा भारत में आयुर्वेद चिकित्सा को भली-भांति समझ कर विदेशों में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। सेमिनार में विदेश से डॉ. हरिशंकर शर्मा ओसाका (जापान), वैद्य वेंकट नारायण जोशी (यूके), डॉ. नितिन शाह (कनाडा), डॉ. रचना कुमार (न्यूजीलैंड), डॉ. कामिनी जैन (जॉर्जिया), डॉ. दीपाली बंसल (यूके), डॉ. फरीदा (यूनाइटेड अरब अमीरात), डॉ. अमित मिश्रा (मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक स्कूल कतार) सेमिनार में भाग लेने आ रहे हैं। ये विशेषज्ञ भारत से बाहर हो रही आयुर्वेद की प्रकृति एवं रिसर्च के बारे में जानकारी देंगे।