त्योहारी सीजन अक्टूबर माह के दौरान इंदौर में करीब चार हजार करोड़ की कर योग्य सामग्री का और करीब 500 करोड़ रुपए बिना टैक्स वाली वस्तुओं का कारोबार हुआ। जीएसटी व पेट्रोल-डीजल पर वैट आदि के द्वारा इंदौर से 550 करोड़ से अधिक का राजस्व जमा हुआ है। वहीं त्योहारी सीजन के अक्टूबर माह में मप्र में 25 हजार करोड़ के करीब कर योग्य वस्तुओं का कारोबार हुआ।
इससे मप्र को जीएसटी के तौर पर 1970 करोड़ रुपए का राजस्व मिला (बीते साल इसी माह में यह 1724 करोड़ रुपए था)। इसके अतिरिक्त पेट्रोल-डीजल की बिक्री व वैट से 1740 करोड़ का राजस्व मिला। वहीं, 542 करोड़ का जीएसटी कंपनसेशन मिला। इस तरह नवंबर में मप्र शासन को जीएसटी, वैट व कंपनसेशन मिलाकर 4252 करोड़ रुपए का कुल राजस्व मिला है।
दूसरी बार जीएसटी कलेक्शन 1900 करोड़ से अधिक
इस साल यह दूसरा मौका है, जब जीएसटी कलेक्शन 1900 करोड़ से अधिक हुआ है। इसके पहले लॉकडाउन खुलने के बाद जुलाई में सबसे ज्यादा 2185 करोड़ रुपए जीएसटी मिला था, क्योंकि तब लॉकडाउन अवधि का भी लंबित रिटर्न और टैक्स जमा हुआ था। वहीं बीते साल अप्रैल से नवंबर की अवधि की तुलना में इस बार 9949 करोड़ रुपए का राजस्व अधिक मिला है। बीते साल इस अवधि में शासन को कुल राजस्व 23118 करोड़ रुपए मिला था, जो इस बार 33067 करोड़ रुपए है।
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