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MP के लॉ कॉलेज में कट्टरता पढ़ाने का आरोप:छात्र बोले- लाइब्रेरी में आपत्तिजनक किताबें; 4 पर FIR, प्रिंसिपल का इस्तीफा

देवेंद्र मीणा/इंदौर6 महीने पहले
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MP के इंदौर में सरकारी लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्‌टरता फैलाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार शाम को कुछ छात्रों ने एक किताब को लेकर हंगामा किया। छात्रों का आरोप है कि इस किताब में लिखा है- हिंदू मुख्य आतंकवादी हैं। साथ ही विश्व हिंदू परिषद, RSS को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। इस मामले में पुलिस ने किताब के लेखक, प्रिंसिपल समेत 4 लोगों पर FIR दर्ज की है। इसके बाद प्रिंसिपल ने इस्तीफा दे दिया है।

छात्रों का कहना है कि इस किताब की कई प्रतियां लाइब्रेरी में स्टूडेंट के लिए रखवाई गई हैं। किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान पर भी छात्र संगठनों ने केस दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि सरकारी कॉलेज की लाइब्रेरी में यह किताब किसकी अनुमति से रखवाई गई। इस मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- किताब की 24 घंटे में जांच कर FIR दर्ज करने के निर्देश इंदौर कमिश्नर को दिए हैं।

ज्ञापन देने के दौरान छात्र नेताओं ने लॉ कॉलेज प्राचार्य से चर्चा की। छात्र नेताओं ने कॉलेज के प्रोफेसर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ज्ञापन देने के दौरान छात्र नेताओं ने लॉ कॉलेज प्राचार्य से चर्चा की। छात्र नेताओं ने कॉलेज के प्रोफेसर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

4 लोगों पर FIR दर्ज
इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज किताब मामले में 4 लोगों के खिलाफ भंवरकुआं थाने में FIR दर्ज हुई हैं। किताब के प्रकाशक, लेखक, कॉलेज के प्रिंसिपल और एक शिक्षक पर केस दर्ज किया गया है। दरअसल लॉ कॉलेज के छात्रों ने भंवरकुआं थाने में एक आवेदन दिया था। इसमें किताब के लेखक, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल और एक शिक्षक पर केस दर्ज करने की मांग की है। पुलिस को दिए आवेदन के साथ यह किताब भी जमा की गई है। पुलिस ने किताब पढ़कर कार्रवाई की बात कही। इसके बाद किताब के प्रकाशक, लेखक, कॉलेज के प्रिंसिपल और एक शिक्षक पर केस दर्ज किया गया है।

प्रिंसिपल ने दिया इस्तीफा
लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्रहमान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विद्यार्थियों के आंदोलन का हवाला देते हुए आहत होकर इस्तीफा सौंपने की बात कही है। प्रिंसिपल ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा किरण सलूजा को लिखित इस्तीफा दिया। सलूजा ने प्रिंसिपल का इस्तीफा उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त को भेज दिया है। इस्तीफा स्वीकार या अस्वीकार करना आयुक्त का विशेषाधिकार है।

शिकायत के बाद 6 प्रोफेसर छुट्टी पर भेजे गए थे
शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के एक प्रोफेसर पर छात्रों ने धार्मिक कट्‌टरता फैलाने और प्रोफेसर पर अनुशासनहीनता के आरोप लगाए थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की शिकायत पर प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान ने 6 प्रोफेसरों को 5 दिन के लिए छुट्टी पर भेज दिया था।

प्राचार्य की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में लिखा गया है कि स्वतंत्र समिति की ओर से मामले की जांच की जानी है, इसलिए शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाता है, ताकि कॉलेज स्तर पर की जा रही जांच प्रभावित न हो।

अब जानिए कथित विवादित किताब के बारे में

कॉलेज की लाइब्रेरी में मौजूद इस किताब पर छात्रों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में भी किताब की प्रति लगाई है।
कॉलेज की लाइब्रेरी में मौजूद इस किताब पर छात्रों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में भी किताब की प्रति लगाई है।

किताब का नाम - सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति
लेखिका - डॉ. फरहत खान
प्रकाशक - अमर लॉ पब्लिकेशन, एमजी रोड, इंदौर

किताब में क्या लिखा गया है...
पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, बर्मा में सांप्रदायिकता का संघर्ष नहीं है। शासन तो वहां भी सैकड़ों वर्ष अंग्रेजों का रहा था और अमेरिका का हस्तक्षेप आज भी इनकी सत्ता पर रहता है। आज सारे हिंदू संगठन एक स्वर से मुसलमानों के कश्मीर में धारा 370 लगाकर विशेष सुविधाएं देने का विरोध यह कहकर करते हैं कि कश्मीर में उग्रवाद धारा 370 के कारण ही पनप रहा है। यदि इनसे पूछा जाए कि पंजाब में उग्रवाद क्यों है, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम में जहां हिंदू उग्रवाद है, वहां भी धारा 370 नहीं लगी है। हिंदू कहते हैं कि समान नागरिक संहिता की बात कहकर हम मुसलमानों के कानून में सुधार करना चाहते हैं, जो नारी के विरुद्ध है। यदि उनसे पूछा जाए कि आप अपने व्यक्तिगत कानून को और भी शास्त्रों के कानून को क्यों लागू करना चाहते हैं, जो शूद्र स्त्री और गैर हिंदुओं के विरुद्ध है। पहले हिंदुओं को अपने सिविल कोड में सुधार की बात करनी चाहिए।

उपरोक्त संक्षिप्त विवरण में हमने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी परिवार की संस्थाओं के क्रियाकलाप पर प्रकाश डाला। हिंदुओं के जितने भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठन बने हैं। उनका एक मात्र उद्देश्य देश के मुसलमानों का विनाश करना है और शूद्रों को दास बनाना है। हिंदू पद पादशाही कायम करना है और हिंदू राजतंत्र का शासन वापस लाकर ब्राह्मण को पृथ्वी का देवता बनाकर पूज्य बनाना है।

किताब में हिंदू संगठन पर भी टिप्पणी
डॉ. फरहत खान की किताब में विश्व हिंदू परिषद को लेकर लिखा है- विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हिंदू बहुमत का राज्य स्थापित करना चाहता हैं। दूसरे समुदायों को शक्तिहीन बनाकर गुलाम बनाना चाहता हैं। पंजाब में सिखों के खिलाफ शिवसेना जैसे त्रिशूलधारी नए संगठनों ने मोर्चा बना लिया है। अपनी सांप्रदायिक गतिविधियों को मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से संचालित करने लगे हैं। शिवसेना हिंदू राष्ट्र का नारा दे रही है, जो पूरे सिख समाज के विरुद्ध हैं। अब शिवसेना के नौजवान सिखों के घरों में डकैती और अनजानी घटनाएं कर रहे हैं। यहां तक कि निर्दोष सिखों की हत्याएं भी कर रहे हैं। हिंदू शिव सेना के लोगों ने बैंक में डकैतियां भी डाली हैं। पंजाब में जो कुछ हो रहा है, पंजाबी और उर्दू अखबार ही सही लिखते हैं और हिंदी अखबार झूठ। पंजाब का सच आज यह है कि मुख्य आतंकवादी हिंदू हैं और सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहा है

किताब में हिंदू संगठनों के खिलाफ बातें लिखी गई हैं। साथ ही कश्मीर के विवाद का भी उल्लेख किया गया है।
किताब में हिंदू संगठनों के खिलाफ बातें लिखी गई हैं। साथ ही कश्मीर के विवाद का भी उल्लेख किया गया है।

लड़कियों का आरोप- हमें टारगेट किया जा रहा
नाम न छापने की शर्त पर कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि क्लास में मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को टारगेट करते हैं। इसमें कुछ धर्म विशेष की लड़कियां भी साथ देती हैं। वो ही हिंदू लड़की का उनके धर्म के लड़के से परिचय करवाती हैं। बाद में दोनों स्टूडेंट के बीच फोन नंबर एक्सचेंज होते हैं। बाहर से पढ़ने के लिए इंदौर आई हिंदू लड़कियां इनका सॉफ्ट टारगेट होती हैं।

मार्क्स कम न आएं इससे डरती हैं छात्राएं
कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि सभी स्टूडेंट को यहीं पढ़ाई करनी है। यदि किसी टीचर या स्टूडेंट को लेकर शिकायत की तो हो सकता है कि उन्हें कॉलेज प्रशासन की ओर से परेशान किया जाए। इंटरनल मार्क्स तो कॉलेज के ही हाथ में रहते हैं, इसलिए स्टूडेंट कुछ नहीं कहते। वहीं, कॉलेज में जो हिंदू टीचर हैं, उन्हें भी अपनी नौकरी करनी है, इसलिए वो भी आवाज नहीं उठाते हैं।

प्रिंसिपल ने कहा- किताब की जांच कराएंगे
प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान का कहना है कि किताब के लिए लेखक और प्रकाशक दोषी हैं। लाइब्रेरी में किताब कैसे आई, इसकी हम जांच करवाएंगे। साथ ही किताबों का चयन करने वाली कमेटी से भी स्पष्टीकरण लेंगे। सभी किताबों को स्क्रूटनी के बाद नष्ट करवाएंगे। इस तरह की चीजें समाज के लिए घातक हैं।

लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराकर आपत्तिजनक कंटेंट वाली किताब हटाई जाएगी।
लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराकर आपत्तिजनक कंटेंट वाली किताब हटाई जाएगी।

अब पढ़िए कॉलेज के गेस्ट फैकल्टी प्रो. अमीक खोखर से दैनिक भास्कर की सीधी बात...

भास्कर - आपके ऊपर धार्मिक कट्‌टरता फैलाने के आरोप लगे हैं?
प्रोफेसर -
सभी आरोप निराधार है। मुझे तो समझ नहीं आ रहा है कि मेरे खिलाफ ये सब हो रहा है। जांच होगी तो सब साफ हो जाएगा। मेरे कैरेक्टर पर जो सवाल उठाया गया है। उसको क्लियर किया जाए। ये गलत आरोप लगाए गए हैं। उसमें सारा पक्ष सामने आ जाएगा।

भास्कर - आप कॉलेज में कब से पढ़ा रहे हैं?
प्रोफेसर - मुझे कॉलेज में पढ़ाते-पढ़ाते तीन-चार साल हो गए हैं।

भास्कर - कभी किसी से विवाद हुआ?
प्रोफेसर - नहीं। मैं कॉलेज आता हूं और पढ़ाने के बाद चला जाता हूं। किसी के मैटर में इनवॉल्व नहीं होता। अपने काम से काम रखता हूं।

भास्कर - गर्ल्स स्टूडेंट ने कैंपस में लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया है?
प्रोफेसर - ये सब निराधार आरोप हैं।

इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में अब तक बने प्राचार्यों की सूची, यहां पहली बार धार्मिक कट्‌टरता जैसा विवाद सामने आया है।
इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में अब तक बने प्राचार्यों की सूची, यहां पहली बार धार्मिक कट्‌टरता जैसा विवाद सामने आया है।

आरोप निराधार, ऐसी कोई सिचुएशन नहीं
कॉलेज में धार्मिक कट्‌टरता फैलाने के सवाल पर प्रोफेसर सुहैल अहमद वाणी ने कहा, 'मुझ पर लगे आरोप निराधार हैं। ऐसी कोई सिचुएशन है ही नहीं। हम प्रोफेशनल टीचर हैं। जो भी कॉलेज का काम दिया गया, उसे पूरा किया। मैं 2014 से कॉलेज में पढ़ा रहा हूं। पहली बार ही ऐसा हुआ है। कॉलेज में धार्मिक एंगल से किसी चीज को देखा गया, यहां ऐसा कुछ नहीं है।

गृहमंत्री बोले, किसी को बख्शा नहीं जाएगा
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित करने के मामले में जांच के आदेश के साथ 5 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

विवादित कंटेंट को लेकर छात्रों ने पुलिस में दिया आवेदन

छात्रों ने अपने आवेदन में यह लिखा...
एलएलएम तीसरे सेमेस्टर के एक छात्र ने भंवरकुआं थाने में किताब के लेखक डॉ.फरहत खान, लॉ कॉलेज के प्राचार्य इनामुर्रहमान, प्रोफेसर डॉ.मिर्जा मोईज के खिलाफ आवेदन दिया है। जिसमें लिखा है कि लेखक डॉ.फरहत खान द्वारा एक किताब शीर्षक सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति का लेखन किया गया है। किताब में लेखक ने जानबूझकर झूठ और बिना किसी सबूत के हिन्दू धर्म के खिलाफ झूठी टिप्पणियां की हैं। विषयांतर्गत पुस्तक को धर्म विशेष के प्रोफेसरों द्वारा जानबूझ कर छात्रों को रेफर किया जा रहा है।

किताब का रेफरेंस नहीं लिखा तो पास नहीं होंगे
आवेदन में छात्र ने लिखा है कि कॉलेज के प्रोफेसर छात्रों पर किताब पढ़ने के लिए दबाव बनाते हैं। उन्हें डराया धमकाया जा रहा है कि यदि किताब का रेफरेंस परीक्षा में नहीं लिखा तो उन्हें पास नहीं होने दिया जाएगा। कॉलेज के तार कई राष्ट्र विरोधी संगठनों से जोड़कर षड्यंत्रकारी छात्रों का ब्रेन वॉश कर रहे हैं। संगठनों में आगे की ट्रेनिंग लेने के लिए भी उकसाया जा रहा है।

शिकायत के बाद पुलिस पढ़ रही किताबें
भंवरकुआं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि छात्रों की ओर से आवेदन दिया गया है कि लाइब्रेरी में मौजूद किताब में कुछ ऐसा कंटेंट है जो हर्ट करने वाला है। आवेदन में किताब में ऐसा कंटेंट लिखने वालों और लाइब्रेरी में किताब को लाने वालों के संबंध में कार्रवाई की मांग की गई है। अभी पुस्तक का अध्ययन किया जा रहा है। जांच की जा रही है। इसमें जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी वो की जाएगी।

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छात्राओं को बाहर चलने और अकेले मिलने बुलाते हैं प्रोफेसर

शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के प्राध्यापकों पर धार्मिक कट्‌टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसकी शिकायत कॉलेज प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान से की थी। उनका कहना है कि शिक्षक अधिकांश समय इस्लाम से जुड़ी बातें करते हैं, जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। जिसके बाद प्राचार्य ने मामले की जांच स्वतंत्र समिति से कराने और जांच पूरी होने तक 5 दिन के लिए आरोपी शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश दे दिया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।