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इंदौर में कोरोना ने भयावह रूप ले लिया है। इसका अंदाजा वहां के श्मशान घाटों से उठ रही चिताओं और आंकड़ों से लगाया जा सकता है। प्रशासन के कोरोना हेल्थ बुलेटिन में गिनती की मौतें बताई जा रही हैं, लेकिन श्मशानों में शव जलाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। शहर के सिर्फ 9 श्मशान घाटों के आंकड़े बताते हैं-पिछले 35 दिनों में ही कोरोना गाइडलाइन से 379 लोगों के अंतिम संस्कार किए गए हैं। इनमें से मार्च माह में 273 चिताएं जलीं। अप्रैल माह के शुरुआती 4 दिनों में ही श्मशान घाटों पर 106 शव अंतिम संस्कार के लिए लाए गए।
शहर के मेघदूत एवं रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधामों में जहां एक के बाद एक कोरोना शव आ रहे हैं, वहीं रामबाग में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार किया गया। मार्च माह में 9 श्मशान घाटों पर कुल 1462 चिताएं जलीं। इनमें 273 कोरोना मरीजों के शव थे। अप्रैल माह और ज्यादा डराने वाला साबित हुआ। 4 दिनों में ही 274 चिताएं जलीं, जिनमें से 106 चिताएं कोरोना मरीजों की थीं। हेल्थ बुलेटिन में इन 4 दिनों में 12 मौतें कोविड से बताई गई हैं। प्रशासन का कहना है कि इंदौर में भर्ती आसपास के जिलों के मरीजों की मौत के बाद परिजन यहीं अंतिम संस्कार कर देते हैं। इसकी वजह से बड़ा आंकड़ा दिख रहा है।
भास्कर रिपोर्टर ने श्मशान के कर्मचारी से जब चर्चा की तो उनका यह था जवाब -
1 . तिलक नगर मुक्तिधाम के श्मशान में देखरेख करने वाले सुनील ने कहा- 1 अप्रैल से 5 अप्रैल तक 12 शव श्मशान आएं हैं, जिसमें से सात शव कोरोना संक्रमण से मरने वालों के थे। रविवार को कोरोना के छह शव श्मशान में पहुंचे थे। लगातार आंकड़ा बढ़ते जा रहे हैं।
2. बाणगंगा मुक्तिधाम के सौरभ यादव का कहना था कि मार्च महीने में लगभग 114 शव अंतिम संस्कार के लिए आ थे। इसमें से 14 कोविड के शव थे। बीते 5 दिनों में 24 शव श्मशान में पहुंचे हैं, जिसमें से 7 शव कोविड-19 के थे।
3. सयाजी मुक्तिधाम के संजय गौहर का कहना था कि मार्च महीने में 191 गाड़ियां आई थी, जिसमें से कोविड-19 के आंकड़े देना मुश्किल है। लेकिन 5 दिनों में 18 शव कोविड के आ चुके हैं।
4.रीजनल पार्क मुक्तिधाम के हरिशंकर से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल से 5 अप्रैल तक 54 शव श्मशान में पहुंचे हैं, जिसमें से कोविड के 24 शव बताए गए।
5 . पंचकुइया मुक्तिधाम में गोपाल ने बताया कि 1 से 5 अप्रैल तक कुल 75 शव लाए गए हैं। रविवार को 51 शव थे और सोमवार को 24 शव श्मशान पहुंचे थे। 5 दिनों में लगभग 20 शव कोविड के थे।
6 . तीन इमली मुक्ति धाम के अमन सिलावट का कहना था कि इस महीने केवल चार शव मुक्तिधाम पहुंचे हैं जिसमें से दो शव कोविड-19 के है, पिछले माह की बात की जाए तो मार्च महीने में 45 श्मशान में आए थे।
7 .रामबाग मुक्तिधाम के भी यही हाल हैं। यहां तैनात गणेश गौड़ के अनुसार पिछले आठ दिनों से अचानक शवों की संख्या बढ़ गई है। दो-तीन कोरोना संक्रमितों के शव रोज पहुंच रहे हैं।
1 से 4 अप्रैल तक 274 शव आए, जिसमें से 106 कोविड के थे
पंचकुइया मुक्तिधाम | 51 |
रीजनल पार्क मुक्तिधाम | 42 |
मालवा मिल मुक्तिधाम | 39 |
मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम | 53 |
रामबाग मुक्तिधाम | 25 |
जूनी इंदौर मुक्तिधाम | 16 |
बाणगंगा मुक्तिधाम | 19 |
तिलक नगर मुक्तिधाम | 24 |
तीन इमली मुक्तिधाम | 4 |
35 दिन में 379 चिताएं जलीं, 273 शव कोविड के थे
पंचकुइया मुक्तिधाम | 42 |
रीजनल पार्क मुक्तिधाम | 96 |
मालवामिल मुक्तिधाम | 29 |
मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम | 71 |
रामबाग मुक्तिधाम | 51 |
जूनी इंदौर मुक्तिधाम | 33 |
बाणगंगा मुक्तिधाम | 17 |
तिलक नगर मुक्तिधाम | 36 |
तीन इमली मुक्तिधाम | 4 |
मार्च माह के कुल अंतिम संस्कार1462
पंचकुइया मुक्तिधाम | 337 |
रीजनल पार्क मुक्तिधाम | 230 |
मालवा मिल मुक्तिधाम | 206 |
मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम | 191 |
रामबाग मुक्तिधाम | 124 |
जूनी इंदौर मुक्तिधाम | 114 |
बाणगंगा मुक्तिधाम | 113 |
तिलक नगर मुक्तिधाम | 102 |
तीन इमली मुक्तिधाम | 45 |
नगर निगम का दावा… इंदौर में जली बाहरी चिताएं
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी लोकेंद्र सोलंकी का कहना है कि पर कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा इसलिए बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि यहां पर अधिकांश खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, धामनोद, बड़वानी के लोग अपने परिजनों की पार्थिव देह को लेकर आते हैं। यहीं पर अंतिम संस्कार करवा कर घर लौट जाते हैं। इसी प्रकार मेघदूत (सयाजी) मुक्तिधाम में भी देवास, भोपाल, शाजापुर, सेंधवा, रतलाम सहित अन्य बाहर के जिलों में रहने वाले लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं।
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