मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शनिवार को इंदौर में तीन बड़े कार्यक्रमों में गृहमंत्री व इंदौर के नवनियुक्त प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा व भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की गैरमौजूदगी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही। खास बात यह कि मुख्य कार्यक्रम ‘धन्यवाद इंदौर’ में पार्टी की सीनियर नेता व पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी उपस्थित नहीं थीं, जबकि पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर मुख्यमंत्री के तय कार्यक्रमों के बावजूद एक दिन पहले चित्रकूट चली गईं।
कैबिनेट मीटिंग में मिश्रा और शिवराज सिंह के बीच NVDA प्रोजेक्ट पर मतभेद उभरे थे। वैक्सीन महाअभियान शुरू करने अचानक शिवराज सिंह दतिया पहुंचे थे। दतिया नरोत्तम मिश्रा का गृहक्षेत्र है। अब ताजा मामला मिश्रा के प्रभार वाले इंदौर शहर में भी उनकी गैरमौजूदगी में शिवराज का जाना चर्चा का विषय है।
ताई के मामले में तो मुख्यमंत्री ने उनके निवास पर जाकर मंशानुरूप इंदौर में देवी अहिल्या स्मारक, लालबाग के जीर्णोद्धार करने की बात रख दी, लेकिन मिश्रा और विजयवर्गीय की अनुपस्थिति को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। सीनियर नेता कृष्णमुरारी मोघे भी कार्यक्रम में उपस्थिति नहीं रहे।
वैसे इंदौर के प्रभारी मंत्री रहे तुलसी सिलावट को भले ही तीन दिन पहले ग्वालियर व हरदा जिले की कमान दे दी हो, लेकिन वे ‘धन्यवाद कार्यक्रम’ के बाद ही वहां का प्रभार लेना चाह रहे थे। इस बीच भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का तीन दिनी मालवा का दौरा भी है। वे 4 से 6 जुलाई के बीच नीमच, रतलाम, मंदसौर, धार, देवास, उज्जैन व इंदौर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। रविवार शाम 5 बजे वे नीमच में रहेंगे और यहीं से सिलावट भी उनके साथ हर मौके पर रहेंगे।
इसके चलते वे मुख्यमंत्री के तीनों कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्री के तौर पर वह शामिल रहे और उन्हें कोरोना संक्रमण नियंत्रण की स्थिति और तीसरी संभावित लहर की स्थिति को लेकर पूरे समय लगातार उन्हें जानकारी देते रहे। यही कारण है कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सिलावट, सांसद लालवानी, विधायक मालिनी गौड, महेंद्र हार्डिया, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, वरिष्ठ नेता मधु वर्मा के नामों का प्रमुखता से जिक्र किया।
अगले हफ्ते संभाल कमान संभाल सकते हैं मिश्रा
ऐसे मौके पर हाल ही में नियुक्त प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा का मौजूद नहीं होने पर कई कयास लगाए जा रहे हैं। वह इसलिए कि तीन दिन पहले ही नए प्रभारी मंत्रियों को नए जिले की जिम्मेदारी दे दी गई। ऐसे मौके पर मिश्रा का तीनों ही कार्यक्रमों में नहीं होना चर्चा का विषय रहा। हालांकि मिश्रा ने हाल ही में दतिया में 4.06 करोड़ की लागत वाली साइंस लैब को मंजूरी दिलाई है। इससे युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाइयां मिलेगी। इस तरह की महत्वाकांक्षी योजनाओं को मूर्त रूप देने वाले मिश्रा का मुख्यमंत्री के तीनों कार्यक्रमों में न होना सवाल पैदा करता है, जबकि इस बार मुख्यमंत्री ने खुद की रुचि के अनुसार ही उन्हें इंदौर के प्रभारी मंत्री की कमान सौंपी है।
हालांकि इसमें भी एक तीर से कई निशाने लगाने के मायने निकाले जा रहे हैं। अब यह संभावना जताई जा रही है कि सिंधिया के तीन दिनी मालवा दौरे के बाद सिलावट अगले हफ्ते ग्वालियर व हरदा जिले के प्रभारी मंत्री की भू्मिका संभाल लेंगे, जबकि मिश्रा इंदौर की।
ताई कार्यक्रम में नहीं आई तो घर जाकर वर्तमान व राजनीतिक घटनाक्रम पर की चर्चा
उधर, शाम को मुख्यमंत्री द्वारा पीसी सेठी अस्पताल का दौरा व ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करने के बाद उन्हें एयरपोर्ट से रवाना होना था, लेकिन वे ताई के निवास पर गए। खास बात यह कि वे यहां 45 मिनट तक रहे। जिसमें से 30 मिनट तक उन्होंने ताई से अकेले में चर्चा की। इस दौरान देवी अहिल्या स्मारक बनाने, लाल बाग का जीर्णोद्धार की बात कर उन्हें विश्वास में लिया। बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने कोरोना काल के पूरे 14 महीनों पर शहर के हालातों व वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने ताई द्वारा बनाया गया भुट्टे का हलवा भी खाया और पैक भी कराया। इसके बाद अन्य भाजपा नेताओं ने भी ताई से मुलाकात की।
एक दिन पहले नियुक्ति पत्र सौंपे फिर चित्रकूट पहुंच गईं ठाकुर
कार्यक्रम में पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर भी नहीं थीं। जबकि गुरुवार को उन्होंने और मंत्री सिलावट ने महू में कोरोना में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपे थे। शनिवार को मुख्यमंत्री के तीन कार्यक्रम होने के बावजूद शुक्रवार को उनका चित्रकूट जाना भी चर्चा का विषय रहा। वैसे मुख्यमंत्री ने भी कार्यक्रम में उन्हीं नेताओं का जिक्र किया जो वहां मौजूद थे और कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण में भूमिका निभाई थी। इस दौरान ठाकुर का नाम नहीं लिया गया।
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