मालवा-निमाड़ में मुसलमानों को भड़का रहा था PFI:इंदौर के चूड़ीवाला पिटाई केस को चुनाव में बनाया मुद्दा; जानिए PFI का सियासी कनेक्शन..

इंदौर/उज्जैन6 महीने पहले

बयान -1

जब चूड़ी वाले का साथ किसी ने नहीं दिया। तब हमारे संगठन SDPI (PFI की पॉलिटिकल विंग मानी जाती है) ने चूड़ी वाले तस्लीम की मदद की। हर महीने उसके परिवार तक 10 हजार रुपए पहुंचाए।

बयान - 2

चूड़ी वाले तस्लीम को समझौता कराने वाले भी बजरंगी ही हैं। पहले जेल भिजवाया, फिर समझौता कराया ताकि चुनाव में फायदा उठा सकें।

यह दोनों बयान हैं PFI के इंदौर शहर अध्यक्ष मुमताज कुरैशी के। ये बयान उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव के वक्त इंदौर में दिए थे। वे PFI की पॉलिटिकल विंग कही जाने वाली SDPI पार्टी के जनरल सेक्रेटरी भी हैं और पार्टी के पक्ष में बार-बार चूड़ी वाले की पिटाई का मुद्दा उठाया। मप्र निकाय चुनाव में मुस्लिम बस्तियों में लगातार सभाएं कीं और पूरे चुनाव में कौम से वोट मांगे थे।

दैनिक भास्कर ने इंदौर, उज्जैन में जहां छापे पड़े, वहां से रिपोर्ट की। कैसे मुस्लिमों को चूड़ी वाले केस के जरिए भड़काया जा रहा था और कैसे PFI समर्थित चार पार्षद मालवा-निमाड़ में चुनाव जीत गए...जानिए इस रिपोर्ट में-्

इंदौर की तंजिम बिल्डिंग: ऑफिस सील, आसपास के कैमरे का डीवीआर ले गई NIA, जानिए चश्मदीद क्या बोली
राजबाड़ा के पास तंजिम बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर PFI का ऑफिस है। NIA ने मुमताज कुरैशी (आजाद नगर) , प्रदेशाध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाला (जूना रिसाला) और मोहम्मद जावेद बेलिम (अहिल्या पलटन) को गिरफ्तार किया है। इन तीनों की बैठक इसी ऑफिस में थी। हिरासत में लेने के बाद पुलिस जब्ती के लिए इसी ऑफिस में देर रात पहुंची और सुबह रवाना हो गई। यहां पर अंदर देखने पर कुछ कुर्सियां लगी मिलीं। भारत का एक नक्शा सामने लटक रहा था। सामान बिखरा पड़ा मिला। दावा किया गया है कि इस ऑफिस में कैमरे नहीं थे, यही वजह है कि एक्टिविटी पता करने के लिए आसपास के कैमरों का रिकॉर्ड एनआईए ले गई हैं।

उज्जैन का विराट नगर : परिवार बोला- जाली बनाता था, आधे घंटे में छोड़ने का कहकर ले गए, अब नहीं पता कहां है
बीती रात उज्जैन के विराट नगर में जामिल नामक युवक को NIA ने पूछताछ के लिए उठाया है। कार्रवाई तड़के करीब 4 बजे हुई है। दैनिक भास्कर की टीम जामिल के परिजनों तक पहुंची। आरोपी जामिल के रिश्तेदार अकील शेख अपनी दुकान पर चाय बनाते मिले।

अब बात करते हैं कि PFI का SDPI और इंदौर में चूड़ी वाले की पिटाई का कनेक्शन
23 अगस्त 2021 को इंदौर के बाणगंगा इलाके में एक युवक नाम बदलकर चूड़ी बेच रहा था और महिलाओं से छेड़छाड़ कर रहा था। इसके बाद उसकी पिटाई कर दी गई। पुलिस ने चूड़ी बेचने वाले तस्लीम को पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। केस 13 साल की नाबालिग की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था। बच्ची ने बताया था कि तस्लीम ने उसे बुरी नीयत से छुआ और हाथ पकड़ा था। लोगों ने तस्लीम की पिटाई की थी। तब मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा- गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चूड़ी बेचने गए युवक ने अपना हिंदू नाम रखा था। उसके पास इसी तरह के दो आधार कार्ड मिले हैं। महिलाओं को चूड़ी पहनाने को लेकर ही विवाद शुरू हुआ था।

इस घटना के विरोध में सेंट्रल कोतवाली थाने पर तस्लीम के समर्थन में मुस्लिम समुदाय के लोग जुटे और जमकर नारेबाजी की। उनका आरोप था कि मारपीट में शामिल लोगों पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। हंगामे के दौरान पुलिस ने थाने का गेट बंद कर दिया था। बाद में फोर्स पहुंची तो थाने की पुलिस बाहर आई। पुलिस ने मारपीट के लिए अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की थी।

चुनावी मुद्दा बनाया, नौ जिलों में उतारे उम्मीदवार, सभी जगह तस्लीम का हवाला दिया
दोनों तरफ से केस होने के बाद मामला रफा-दफा हो गया लेकिन उसके बाद इस पूरे घटनाक्रम में PFI और उसकी राजनीतिक विंग SDPI एक्टिव हो गई। उसने इस केस में मोर्चा खोला, बाद में 11 लोगों पर जिलाबदर की कार्रवाई हुईं। इनमें कुछ वे लोग भी हैं जिन्हें आज NIA ने उठाया है। दरअसल, चूड़ी वाले केस को SDPI मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनावी मुद्दा बना चुकी थी। UP के इस शख्स तस्लीम को बेबस बताकर MP में नगरीय निकायों में इंदौर, मंदसौर, शाजापुर, नीमच समेत नौ जिलों में चुनाव लड़े। उनके चार पार्षद भी बन गए। आज PFI पर हुई कार्रवाई के बाद देशभर में SDPI भड़की हुई है। लगातार नेता बयान दे रहे हैं।

भास्कर ने चूड़ी वाले पिटाई केस में SDPI की स्ट्रैटेजी और कनेक्शन जानने के लिए कुछ पुराने चुनाव प्रचार के सोशल पोस्ट खंगाले तो PFI शहराध्यक्ष और SDPI सेकेटरी मुमताज कुरैशी के कई बयान मिले हैं। इनमें वे चुनावी सभा में तस्लीम का जिक्र कर वोट मांग रहा है। यह तक कहते नजर आया कि जब तस्लीम अंदर था तो हमने परिवार को हर महीने 10 हजार रुपए पहुंचाए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। यह भी कहा कि तस्लीम को एक षड्यंत्र के तहत जेल में डाल दिया गया। जिन बजरंगियों ने तस्लीम को मारा था, वे हवाई जहाज में घूम रहे हैं। मुसलमानों पर इतने अत्याचार हो रहे हैं, कोई कांग्रेसी-भाजपाई आपके पक्ष में बोलने नहीं आ रहा।

आज इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी कहा है कि ये लोग चूड़ीवाले की पिटाई के बाद से ही मुस्लिम युवाओं को भड़का रहे थे। तब से हमारी नजर इन पर थी। जिला बदर और रासुका लगाकर हम लगातार दबाव बनाए हुए थे। बुधवार देर रात एनआईए ने भी इन पर कार्रवाई की है।

इंदौर में राजबाड़ा के पास कॉम्पलेक्स में है PFI का ऑफिस। यहां से टेरर फंडिंग की एक्टिविटी का आरोप पदाधिकारियों पर है। प्रदेशाध्यक्ष और शहराध्यक्ष की बैठक इसी ऑफिस में थी।
इंदौर में राजबाड़ा के पास कॉम्पलेक्स में है PFI का ऑफिस। यहां से टेरर फंडिंग की एक्टिविटी का आरोप पदाधिकारियों पर है। प्रदेशाध्यक्ष और शहराध्यक्ष की बैठक इसी ऑफिस में थी।

पीएफआई की प्रदेश में चुनावी जमावट - नौ जिलों में SDPI ने पार्षद उम्मीदवार उतारे, चार जीते
इंदौर में 3, उज्जैन में 1, नीमच में 9, श्योपुर में 7, शाजापुर में 1, शिवपुरी में 3, मंदसौर में 5, जबलपुर में 2 और भोपाल में 2 उम्मदीवार एसडीपीआई ने मैदान में उतारे थे। इनमें नीमच में तीन और शाजापुर में एक पार्षद एसडीपीआई का बना है।

नीमच के रामपुरा में दो, मनासा में 1 और शाजापुर में 1 पार्षद ने चुनाव जीता था। SDPI को PFI का पॉलिटिकल संगठन कहा जाता है।
नीमच के रामपुरा में दो, मनासा में 1 और शाजापुर में 1 पार्षद ने चुनाव जीता था। SDPI को PFI का पॉलिटिकल संगठन कहा जाता है।
चुनाव में चार पार्षद जीतने पर पार्टी ने पोस्ट कर बधाई दी थी। इनमें से शाजापुर के विजयी पार्षद पर रासुका लग चुकी है। बाद में हटाने की खबर आई थी।
चुनाव में चार पार्षद जीतने पर पार्टी ने पोस्ट कर बधाई दी थी। इनमें से शाजापुर के विजयी पार्षद पर रासुका लग चुकी है। बाद में हटाने की खबर आई थी।

यह भी पढ़ें :

खबरें और भी हैं...