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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021:सिटीजन फीडबैक शुरू; फीडबैक देने वाले युवा बोले - स्वच्छता में 5 तो लाएंगे, 7 स्टार भी लेकर आएंगे

इंदौर2 वर्ष पहले
अलसिफा और खुशबू ने फीडबैक देने के बाद कहा - इंदौर लगाएगा स्वच्छता में पंच।
  • इन 7 सवालों का जवाब देकर बनाएं इंदौर को फिर नंबर वन

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए सिटीजन फीडबैक शनिवार से शुरू गए हैं। पिछले साल सिटीजन फीडबैक में ही इंदौर को 1500 में से 1416 नंबर मिले थे। बाकी सभी रेटिंग में सूरत इंदौर के बराबर था। मिनिस्ट्री ने इस बार आउट बाउंड कॉल को खत्म करते हुए पांच तरीकों से ही फीडबैक लेना तय किया है। इन माध्यमों से सात सवालों की जानकारी देकर आप इंदौर को फिर नंबर वन बना सकते हैं। यह सिटीजन फीडबैक 31 मार्च तक चलेगा। आउट बाउंड कॉल यानी इस बार आपको फोन करके कुछ नहीं पूछा जाएगा। आप स्वयं फोन करके जानकारी देंगे। फीडबैक शुरू होने के बाद दैनिक भास्कर ने कुछ युवाओं से फीडबैक देने के साथ ही अनुभवों को भी जाना।

यह बोले - फीडबैक देने के बाद युवा

  • फीडबैक देने के बाद खुशबू यादव ने बताया इंदौर स्वच्छता में चार बार नंबर वन आ चुका है। इस बार हम पंच लगाने वाले हैं। निगम और प्रशासनिक अधिकारी लगातार इसे लेकर काम कर रहा है। वह सराहनीय है। निगमकर्मी रात-दिन शहर को साफ करने में जुटे रहते हैं। इंदौरी भी शहर को स्वच्छ रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब लोग बिल्कुल भी गंदगी नहीं फैलाते हैं।
  • अलसिफा ने कहा कि इंदौर फिर से पंच लगाएगा। हम चाहते हैं कि पांचवी बार भी हम नंबर वन बनें। इस बार हमारी उम्मीद है कि 5 स्टार रेटिंग नहीं 7 स्टार रेटिंग मिले।
  • अंकित राय ने कहा कि मैंने अपना फीडबैक दिया है। हम फिर से नंबर वन आएंगे। निगमकर्मियों की मेहनत रंग लाएगी। रेटिंग में भी हम इस बार 7 स्टार रेटिंग लाने वाले हैं।

इस बार इंदौर के लिए बड़ी चुनौती
स्वच्छ सर्वेक्षण में चौका लगा चुके इंदौर के लिए इस बार चुनौती बड़ी है, क्योंकि सूरत सिर्फ 128 नंबरों से हमसे पीछे था। सर्टिफिकेशन में भी सूरत को हमारे बराबर 1300 नंबर मिले और डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में भी उसे 1500 नंबर मिले थे। इंदौर सिर्फ लीग और सिटीजन फीडबैक में आगे रहा और इसी की बदौलत चौका लग सका। मिनिस्ट्री ने छह हजार नंबरों के स्वच्छ सर्वेक्षण की गणना में चार भागों के स्थान पर सिर्फ तीन भागों में कर कर दी है। इसके तहत पिछले सर्वेक्षण में जहां सिटीजन फीडबैक के ही 1500 नं. थे जबकि इस बार इसके नं. 1800 कर दिए हैं और सिर्फ फीडबैक के स्थान पर सिटीजन वाइस बना दिया है। इसमें फीडबैक 600 नंबरों का ही रह गया है। बाकी के 1200 नंबरों के लिए इंगेजमेंट, एक्सपीरियंस, स्वच्छता एप और इनोवेशन के रूप में बांट दिए गए हैं। फेस टू फेस के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम 1 मार्च के बाद इंदौर आएगी।

ऐसे दे सकते हैं फीडबैक

  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए सिटीजन फीडबैक के लिंक https://swachhsurvekshan2021.org/CitizenFeedback%2c पर जाकर - स्टेट- मध्य प्रदेश - डिस्ट्रिक्ट -इंदौर, U.L.B. - इंदौर को सिलेक्ट करके इंदौरी अपना फीडबैक दे सकते हैं।

इन सात सवालों के जवाब देकर आप बना सकते हैं इंदौर को फिर से सफाई में नं. वन

  • क्या आपको पता है कि इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में भाग ले रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में इंदौर की रैंक क्या थी?
  • अपने आसपास की स्वच्छता के आधार पर इंदौर को कितने नंबर देंगे?
  • व्यावसायिक और पब्लिक एरिया की स्वच्छता को कितने नंबर देंगे?
  • कचरा संग्रहण वाहन से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करके देने के लिए कहा जाता है?
  • शहर के सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय को कितने नंबर देंगे?
  • क्या आप जानते हैं कि गूगल पर आप नजदीकी शौचालय की जानकारी ले सकते हैं?
  • क्या आपको पता है कि सफाई संबंधी शिकायत आप स्वच्छता एप पर कर सकते हैं?

इन पांच माध्यमों से दे सकते हैं फीडबैक

  • 1969 पर कॉल करके।
  • http://swachhbharaturban.gov.in के माध्यम से।
  • स्वच्छ भारत एप या इंदौर 311 एप के जरिये।
  • मेरी सरकार पोर्टल के जरिये।
  • वोट फॉर यूअर सिटी एप के माध्यम से।

इसलिए 7 स्टार का दावा मजबूत
सेवन स्टार के लिए सबसे जरूरी शर्त कचरा प्रबंधन शुल्क में 75 प्रतिशत रहवासी और 90 प्रतिशत व्यावसायिक शुल्क की वसूली का लक्ष्य इंदौर ने पूरा कर लिया। 31 दिसंबर को एक दिन में रिकॉर्ड 1.75 करोड़ रुपए कचरा प्रबंधन शुल्क के जमा हुए। अपर आयुक्त एस. कृष्ण चैतन्य ने बताया निगम इंदौर में 3.45 लाख घरों से कचरा उठाता है। इनसे अलग-अलग रेट जोन के हिसाब से कुल 53 करोड़ कचरा प्रबंधन शुल्क बनता है। इसका 75 प्रतिशत यानी 39.75 करोड़ (जनवरी से दिसंबर तक) रुपए वसूली का टारगेट नगर निगम ने पूरा कर लिया। वहीं, बल्क कचरा 4150 स्थानों से वसूला जाता है। इनमें से 4 हजार से ज्यादा लोग राशि दे चुके। 31 दिसंबर को निगम के विभिन्न काउंटर और ऑनलाइन रूप से 45 करोड़ रुपए जमा हुए। पिछले साल की तुलना में इस साल सिर्फ कचरा प्रबंधन शुल्क पूरा जमा हो सका। संपत्ति कर और जल कर में कोरोना के कारण कम वसूली हुई।