शहर में इंटरसिटी बस, रिक्शा, सिटी वैन को जांच के नाम पर बेवजह नहीं रोका जाएगा। गाड़ियों को यूनिक कोड दिया जाएगा। गाड़ियों को रोककर जांच करने से ट्रैफिक होता है, इसमें सुधार के लिए DCP ने इस पहल की शुरुआत की है। उन्होंने रिक्शा संगठन से बात कर यूनिक कोड देने की बात कही है। यानी वाहन चालकों को अब नियम तोड़ने पर ही रोका जाएगा, बेवजह नहीं। दो बार पहले भी इस तरह की फैसिलिटी शुरुआत में हो चुकी है, बाद में इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
DCP महेशचंद्र जैन ने बताया कि उन्होने यहां आते ही QRT टीमें बनाईं। टीम रोड पर बेतरतीब खड़ी गाड़ियों और हुड़दंग मचाने वाले बुलेट राइडर्स पर कार्रवाई कर रही हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े विहिकल्स के लिए युनिक कोड की शुरूआत की। अलग-अलग गाड़ियों को एक कोड दिया जाएगा। इससे यह पता चल जाएगा कि दस्तावेज कम्पलीट है।
इस यूनिक कोड को उसी रिक्शा, इंटरसिटी बस, मैजिक वैन पर लगाया जाएगा, जिसमें ड्राइवर के पास लाइसेंस, गाड़ी के पेपर, ग्रीन कार्ड सहित सभी दस्तावेज पूरे हों। कोड देने के बाद डोक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए गाड़ी को नहीं रोका जाएगा। रेड सिग्नल, नो पार्किंग और शराब पीकर वाहन चलाने पर उन पर अलग से कार्यवाही की जाएगी। इंदौर में कई रूट्स पर इंटरसिटी बस, मैजिक और सिटी वैन चल रही हैं। कंट्रोल रूम पर अलग व्यवस्था रहेगी। सिटीजन कार्प एप पर भी इसे देखा जा सकेगा।
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