इंदौर जू पिछले 4 दिनों से बंद है। कारण लापता तेंदुआ है। यहां सामान्य दिनों में हर दिन हजारों दर्शक आते हैं। इससे प्रबंधन को लाखों रुपए मिलते हैं। बताया जा रहा है कि इससे जू मैनेजमेंट को 5 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। स्थिति कब तक सामान्य होगी, अफसर भी यह ठीक से नहीं बता पा रहे।
जू प्रभारी डॉक्टर उतम यादव ने बताया कि हर दिन जू में करीब 4500 दर्शक आते हैं। इसमें बच्चे ओर बड़े शामिल होते हैं। यहां प्रत्येक व्यक्ति का 20 रुपए किराया है। वर्तमान में यहां 2 दिसंबर से दर्शकों का आना जाना बंद है। इसमें रविवार तक इसकी संख्या करीब 22 हजार से ज्यादा है। इससे 6 लाख रुपए का नुकसान अभी तक हुआ है।
रोजाना आते हैं 4500 सैलानी, रविवार को 15 हजार से ज्यादा
प्रभारी यादव ने बताया कि यहां रेाजाना करीब 4500 सैलानी आते हैं। रविवार को यहां 15 हजार के ज्यादा सैलानी आते हैँ। रविवार को गेट के बाहर दर्शकों की भीड़ लगी रही। कई लोग काफी देर तक गेट खुलने का इंतजार करते रहे। बाद में निराश होकर लौटना पड़ा। मामले में जब जू को दर्शकों के लिए खोलने की बात पर जानकारी मांगी गई, तो सुरक्षा के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद ही इसे खोलने की बात कही जा रही है। जानकारी के मुताबिक यहां हर दिन दर्शक बाहर से ही वापस जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक जू में कब तक तेंदुए को लेकर कब तक सर्चिंग चलेगी। इसे लेकर भी जू प्रबधंन को स्पष्ट जानकारी नहीं है।
तेंदुए की नाले किनारे सर्चिंग
तेंदुए की तलाश का सोमवार को 5वां दिन है। CCF के अधिकारी मोहता सोमवार को वन विभाग के अमले को लेकर पहुंचे। जू प्रभारी उत्तम यादव से बातचीत की। इसके बाद अफसरों ने नाले के किनारे-किनारे तलाश की।
ब्रुनो को बुलाया
वन विभाग के अफसरों ने तेंदुए को ढूंढने के लिए रविवार को खंडवा से उनका ब्रुनो डॉग बुलाया था। यह डॉग सर्चिंग में माहिर है। डॉग कई लोकेशन्स पर जाकर रुका। वह बार-बार टीम को खुले मैदान और नाले की तरफ ले जा रहा था। ऐसे में वन विभाग की टीम अब नाले किनारे ही तेंदुए की तलाश में जुटी है।
आबादी एरिया में भी सर्चिंग
नाले किनारे के रेसिडेंसियल एरिया में भी टीम ने सर्चिंग की। जू प्रभारी उतम यादव ने बताया कि जहां-जहां पैरो के निशान होने और तेंदुए की लोकेशन आने की जानकारी मिली थी, वहां अब विशेष तरह का पाउडर डाला जा रहा है। यह पाउडर निशान को अच्छे से कैप्चर कर लेता था।
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