इंदौर में सौहार्द बिगाड़ने की घटनाओं पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल कोतवाली थाने पर रात में जो प्रदर्शन हुए, वह काफी आपत्तिजनक है। इसमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लोगों की संलिप्तता है। उनके नाम भी हमारे सामने आ चुके हैं। इस मामले में पुलिस से उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने को लेकर बात की गई है।
कलेक्टर ने कहा, ‘एसडीपीआई और पीएफआई पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। इंटेलिजेंस के साथ ही पुलिस भी इन पर नजर रख रही है। इन संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा युवाओं को भड़काने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इनके खिलाफ ना केवल एफआईआर होगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर जिलाबदर की भी कार्रवाई की जाएगी।’
कलेक्टर ने कहा कि नायता मुडंला, बंबई बाजार, बाणगंगा में जो घटनाएं हुई, सभी लोकलाइज घटनाएं हैं। इससे सख्ती से ही निपटा जा सकता है, इसलिए सख्ती भी की जा रही है। गौरतलब है कि इंदौर के सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र में रविवार देर रात एक समुदाय के लोग जुटे और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। उनका विरोध था कि बाणगंगा इलाके में एक युवक के साथ मारपीट की गई है। मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ है। बीते कुछ दिनों में इंदौर में सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं पर पुलिस और प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।
क्या है पीएफआई?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़ें केरल के कालीकट में गहरी बताई जा रही हैं।
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