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मप्र मंत्रिमंडल में नया चेहरा:महू विधायक उषा ठाकुर कैबिनेट मंत्री बनीं: कृपाण रखती हैं, भगत सिंह के परिवार ने भेंट की थी; बाइक से चलने का भी शौक

इंदौर3 वर्ष पहले
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उषा ठाकुर कहती हैं कि मैं कटार को साथ लेकर चलने से खुद को काफी ताकतवर महसूस करती हूं। - फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
उषा ठाकुर कहती हैं कि मैं कटार को साथ लेकर चलने से खुद को काफी ताकतवर महसूस करती हूं। - फाइल फोटो
  • 2014 में इंदौर क्षेत्र क्रं. 3 से विधायक रहते हुए ठाकुर ने कार्यकर्ताओं से कहा था- 'गरबा' के दौरान समारोह स्थल में कोई मुस्लिम युवक न घुसने पाए
  • 2003 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने वाली ठाकुर इंदौर-1 क्षेत्र, इंदौर-3 क्षेत्र और महू से चुनाव जीत चुकी हैं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार गुरुवार को हुआ। इसमें जहां कुछ पुराने चेहरे नजर आए। कई नए चेहरों को भी मौका दिया गया। इनमें से एक नाम महू विधायक उषा ठाकुर का भी है, उन्होंने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। मुस्लिम युवाओं को गरबा से दूर रखने का फरमान सुनाने वाली भाजपा विधायक ठाकुर अपने अलग अंदाज के लिए भी जानी जाती हैं।

कुछ खास मौकों पर अपनी पुरानी कावासाकी बाइक से चलने वाली ठाकुर हमेशा कटार लेकर चलती हैं। यह कटार करीब 20 साल पहले उन्हें शहीद भगत सिंह के परिवारवालों ने उपहार में दी थी। हालांकि, ठाकुर की छवि एक उग्र राष्ट्रवादी की नहीं है। पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें 'दीदी' कहकर संबोधित करते हैं।

संघ में बौद्धिक प्रमुख भी रही हैं ठाकुर
ठाकुर भाजपा की उपाध्यक्ष और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की इंचार्ज रह चुकी हैं। ठाकुर ने 1989 में सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय होना शुरू किया और संघ की इंदौर शाखा में बौद्धिक प्रमुख बनीं। एजुकेशन और इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट और एमफिल कर चुकीं उषा ठाकुर दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य रही हैं।

शादी नहीं की
उषा ठाकुर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि "मैंने शादी नहीं करना का फैसला कर लिया था। बचपन से ही मैं चाहती थी कि मेरे परिवार का कोई सदस्य धर्म और देशसेवा के लिए जीवन समर्पित करे। मेरे माता-पिता अंग्रेजी के शिक्षक थे। मेरे पांच भाई-बहन हैं। रिटायरमेंट के बाद पिता ने गौशाला शुरू की। हम इसे गायों का ओल्ड एज होम कहते हैं।

म्युनिसिपल काउंसलर से शुरू किया राजनीतिक सफर
उषा को 1990 में म्युनिसिपल काउंसलर बनने के पहले भगत सिंह के परिवार वालों ने एक कटार उपहार में दी थी। ठाकुर इसे अपनी जिंदगी का सबसे अहम क्षण मानती हैं और सत्र के दौरान भी कटार लेकर ही विधानसभा जाती हैं।

कटार को साथ लेकर खुद को काफी ताकतवर महसूस करती हूं
उषा ठाकुर कहती हैं, ‘‘मैं कटार को साथ लेकर खुद को काफी ताकतवर महसूस करती हूं। 1994 में मैंने एक सस्ती बाइक खरीदी।’’ शहर की 100 भजन मंडलियों के साथ जुड़ीं ठाकुर शहर के अलग-अलग हिस्सों में सुंदरकांड आयोजित करती हैं। 2003 में ठाकुर इंदौर-1 क्षेत्र से और 2013 में दूसरी बार इंदौर-3 सीट से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं। इसके बाद 2018 विधानसभा में इंदौर से बाहर निकलकर महू पहुंची। यहां भी उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा।