नाजनीन से नैंसी बनकर शादी करने वाली की कहानी:बताया- क्यों ठुकराया पहला रिश्ता

यज्ञदत्त परसाई। इंदौर4 महीने पहले
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ये कहानी है मध्यप्रदेश के दूल्हे दीपक और दुल्हन नाजनीन की। ये कहानी किसी फिल्म से कम भी नहीं। तीन साल चले इश्क के बाद नाजनीन हिंदू बन गईं और दीपक के साथ गुना से मंदसौर आकर फेरे ले लिए।

दैनिक भास्कर से दोनों ने अपनी लव स्टोरी शेयर की। हम बताएंगे कि दुल्हन ने क्यों इंदौर का पहला रिश्ता तोड़ा, कैसे कोर्ट में दस्तखत करने के बाद भी बगैर शादी के भागना पड़ा?

बात 2019 की है। गुना के कुम्भराज का रहने वाले दीपक (तब 19 साल का) को टिकटॉक पर VIDEO बनाने का शौक था। वो VIDEO बनाता और अपने अकाउंट पर अपलोड कर देता…।

उसी के शहर में 3 गली छोड़कर रहती थी नाजनीन। उसके पास मोबाइल नहीं था, लेकिन मां के मोबाइल में जरूर टिकटॉक डाउनलोड था। वह कभी-कभार उसी को चलाती थी। टिकटॉक भी देखती थी, जहां उसने पहली बार दीपक का VIDEO देखा और फैन हो गई…।

नाजनीन को यह पता था कि दीपक इसी इलाके का रहने वाला है। उसकी गली से भी गुजरता है। उसने पहले तो कुछ VIDEO लाइक किए। इसके बाद दीपक का उसकी गली में आना-जाना अचानक बढ़ गया। दोनों की आंखें मिलने लगीं और इश्क का बीज पड़ गया।

इसी बीच, नाजनीन की सहेली ने उनकी नजदीकियों को भांप लिया। उसने नाजनीन की मां को बता दिया। मां ने बेटी से पूछा तो वह सकपका गई। कुछ ज्यादा नहीं बोली। इस पर मां ने सहेलियों का एक ग्रुप नाजनीन के साथ दीपक के घर भेजा और उसकी मां को पूरी बात बताई। कहा कि आपका लड़का इसके पीछे पड़ा रहता है, इसे समझा लीजिए। दीपक की मां ने तुरंत कहा कि अगर ऐसा है तो मैं पता करती हूं। आगे से ऐसा नहीं होगा।

सबको लगा कि बात आई-गई हो गई, पर नाजनीन बुरी तरह शर्मिंदा थी। उसने टिकटॉक पर ही दीपक को मैसेज भेजा कि मैं माफी चाहती हूं। मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था। परिवारवालों के कारण मैं घर आई थी। मैं तो आपको पसंद करने लगी हूं...। यह सुनकर दीपक ने हां कर दी। यहीं से उन दोनों जिंदगी की ने नया मोड़ ले लिया। दोनों में बातें होने लगीं।

इसी बीच, इन दोनों की बातचीत की खबर फिर से परिवार को लगी तो परिवार ने नाजनीन को मोबाइल देना बंद कर दिया। कह दिया कि अब आगे ऐसा किया तो बख्शेंगे नहीं। खत्म कर देंगे। नाजनीन के पास मोबाइल नहीं रहा, तो उसने दीपक को बताया। दीपक ने मोबाइल लाकर गिफ्ट कर दिया।

गुना जिले के कुंभराज में रहने वाली नाजनीन बानो पिता मोहम्मद जफर को टिकटॉक पर दीपक पिता विट्ठल गोस्वामी पसंद आ गया। वह उसे फॉलो करने लगी। इसी ऐप के जरिए दोनों की बात शुरू हुई। दोस्ती प्यार में बदल गई। पढ़िए, आगे की कहानी...
गुना जिले के कुंभराज में रहने वाली नाजनीन बानो पिता मोहम्मद जफर को टिकटॉक पर दीपक पिता विट्ठल गोस्वामी पसंद आ गया। वह उसे फॉलो करने लगी। इसी ऐप के जरिए दोनों की बात शुरू हुई। दोस्ती प्यार में बदल गई। पढ़िए, आगे की कहानी...

बातें फिर शुरू हुईं, लेकिन अबकी बार नाजनीन से मोबाइल ही पकड़ा गया। यहां से झगड़ा बढ़ गया। घर में नाजनीन को जमकर मारा-पीटा गया और यह सिलसिला शुरू हो गया। उसे कह दिया गया कि इंदौर में बचपन से जो रिश्ता तय है, उससे अब बहुत जल्दी शादी करेंगे। अब गलती की तो खत्म करने से भी नहीं चूकेंगे।

परिवार ने दीपक को भी चेता दिया कि वह भी समझ जाए, वरना ठीक नहीं होगा। दीपक की मां ने बात बिगड़ते देख दीपक की शादी 20 मई 2022 को तय कर दी। वह 22 साल का हो चुका था। उधर, नाजनीन की शादी की भी तैयारी शुरू हो गई थीं।

जब दीपक की शादी की बात नाजनीन को पता लगी तो उसने कहा कि जहां मेरा इंदौर में बचपन से रिश्ता तय है, मैं उसे पसंद नहीं करती। न ही उससे शादी करूंगी, चाहे मर जाऊंगी। यह सुनकर दीपक भी घबरा गया और दोनों ने घर छोड़ने का प्लान बना लिया। 20 मई 2022 की दीपक की शादी के लिए कार्ड बंट गए थे, लेकिन इससे 7 दिन पहले 13 मई को दोनों रात ढाई बजे घर से भाग निकले।

रात में भागने की खबर नाजनीन के दोनों भाइयों को लग गई। वे उन दोनों की तलाश में निकल पड़े। रातभर तलाश करते रहे। दीपक और नाजनीन भागकर बीनागंज-चाचौड़ा आ गए और यहां 14 मई की सुबह ही कोर्ट मैरिज की तैयारी कर ली थी। दोनों ने कोर्ट जाकर आवेदन किया और नाजनीन ने कागज सबमिट कर साइन भी कर दिए। दीपक साइन करे, उससे पहले ही नाजनीन का परिवार वहां आ गया।

यह देख दोनों मोबाइल और अन्य सामान वहीं छोड़कर भाग गए। जैसे-तैसे छिपते-छिपाते हुए अहमदाबाद पहुंच गए। यहां दीपक का दोस्त रहता है, उसी के पास पहुंचे। चूंकि, मोबाइल दोनों के पास नहीं थे, इसलिए पुलिस भी लोकेशन नहीं तलाश पा रही थी। परिवार ने अपहरण का केस दर्ज करा दिया, लेकिन पुलिस के हाथ खाली ही थे।

नाजनीन और दीपक अहमदाबाद में रहने लगे। दीपक ने वहीं एक कम्प्यूटर शॉप पर काम शुरू कर दिया और आमदनी से दोनों खर्चा चलाने लगे। दोनों ने शादी का ख्याल छोड़ ही दिया था, लिव इन में ही जिंदगी कट रही थी, तभी उन्हें जोधपुर की मुस्लिम लड़की के हिंदू लड़के से मंदसौर में शादी की बात पता चली।

शादी के बाद नैंसी और दीपक संतों का आशीर्वाद लेते हुए। दोनों की शादी में चैतन्य राजपूत ने मदद की। चैतन्य कभी जफर शेख हुआ करते थे। वे मंदसौर में हिंदू बनने के बाद 4-5 ऐसी ही शादियां करा चुके हैं।
शादी के बाद नैंसी और दीपक संतों का आशीर्वाद लेते हुए। दोनों की शादी में चैतन्य राजपूत ने मदद की। चैतन्य कभी जफर शेख हुआ करते थे। वे मंदसौर में हिंदू बनने के बाद 4-5 ऐसी ही शादियां करा चुके हैं।

वे हैरान भी थे और उम्मीद की किरण भी यही दिख रही थी। उन्होंने फेसबुक के जरिए उस लड़के से संपर्क किया, जिसने शादी की थी। उससे चैतन्य राजपूत उर्फ जफर का नंबर लिया। दीपक ने मंदसौर में मुस्लिम से हिंदू बनने के बाद चार से 5 शादियां करा चुके चैतन्य को अपनी लव स्टोरी सुनाई। कहा कि हम शादी करना चाहते हैं। नाजनीन हिंदू बनने के लिए भी तैयार है। आप मेरे पापा से बात कर लीजिए।

इस पर चैतन्य ने दीपक के पिता से बात की और बताया कि यदि आप चाहें तो मैं शादी करा सकता हूं। पिता ने जवाब दिया कि जब बात इतनी आगे जा चुकी है, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। दूसरी तरफ लड़की के घरवाले यही कहते रहे कि जहां मिलेंगे खत्म कर देंगे, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी।

अंतत: नाजनीन अहमदाबाद से दीपक के साथ मंदसौर आईं और सनातन धर्म ग्रहण कर नैंसी बन गईं। बाद में फेरे करा दिए गए। चैतन्य का कहना है कि जो भी प्रोसेस कानूनी रूप से जरूरी थी, वो हमने पूरी कर दी है। लड़का, लड़की दोनों बालिग हैं।

नाजनीन का कहना है कि मैं तो दीपक के घर में जाकर ही रहना चाहती हूं। मेरे घर वाले जरूर धमका रहे हैं, लेकिन मैं तो वहीं रहना चाहती हूं।
नाजनीन का कहना है कि मैं तो दीपक के घर में जाकर ही रहना चाहती हूं। मेरे घर वाले जरूर धमका रहे हैं, लेकिन मैं तो वहीं रहना चाहती हूं।

कम उम्र का केस दर्ज कराया था

नाजनीन उर्फ नैंसी ने बताया कि मेरे परिवार ने दीपक पर अपहरण का केस दर्ज कराया। बताया कि मेरी उम्र 18 साल से कम है। इसके लिए कोई मार्कशीट यूज की गई थी, जबकि मैं बालिग थी। बाकायदा आधार कार्ड में जन्म तारीख दर्ज है। वही सबमिट भी की थी।

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