विभिन्न वायरसों खासकर कोरोना के नए वैरिएंट का अब इंदौर में ही पता चल सकेगा। इसके लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही जीनोम सीक्वेंसिंग लैब बनाई जाएगी। यहां मशीन व उपकरण स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए बुधवार को कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने मशीनी खरीदी व टेंडर प्रक्रिया के संबंध में आदेश भी जारी कर दिए।
दोपहर को कमिश्नर ने संभाग स्तरीय बैठक में कोरोना की संभावित तीसरी लहर तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित समेत मेडिकल कॉलेज से जुड़े विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, सभी जिलों के सीएमएचओ व मेडिकल एक्सपर्ट्स आदि उपस्थित थे। बैठक में सामने आया, अभी विभिन्न स्तरों पर कोरोना के नए वैरिएंट पर अध्ययन हो रहा है। इस पर कमिश्नर ने अगली बैठक में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है, जिससे कि समय रहते उससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां की जा सके।
बैठक में बताया गया, एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब बनाई जाना है। इसके लिए नई मशीन और उपकरणों की आवश्यकता है। डॉ. शर्मा ने कहा, मशीन और उपकरण की खरीदी और टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। लैब बन जाने से अब इंदौर में ही कोरोना के नए वैरिएंट का पता चल सकेगा। निजी क्षेत्र में भी इस तरह की लैब जल्द इंदौर में शुरू होने वाली है। डॉ. शर्मा ने सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर गर्भवती माताओं, नवजात शिशुओं, बच्चों आदि के कोरोना संबंधी इलाज के लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेंड किया जाएं। इस पर अधिकारियों ने कहा कि बताया गया कि अधिकांश जिलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू हो चुके हैं।
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