सितंबर के दूसरे हफ्ते में बारिश का रुख लगातार बदलता जा रहा है। अब जिस प्रकार से सिस्टम बन रहा है, उसके चलते इंदौर समेत मालवा-निमाड़ में 20 से सितंबर तक बारिश के आसार हैं। इस दौरान हर रोजाना आधा से एक इंच बारिश होने के साथ मौसम खुश्क भी रहेगा। वैसे, इंदौर को अब कुल कोटे के लिहाज से 11-12 इंच बारिश की जरूरत है। अगर बाकी दिनों में इसी तरह बारिश होती है, तो भले ही कोटा पूरा हो, लेकिन जलसंकट की स्थिति नहीं बनेगी। किसानों को भी कुछ राहत मिलेगी।
शुक्रवार दोपहर शहर के कुछ हिस्सों में रुक-रुककर बारिश हुई थी। फिर रात 3 बजे बाद फिर बारिश शुरू हुई, जो सुबह 6 बजे तक रुक-रुककर होती रही। इस दौरान पूर्वी क्षेत्र में 25 एमएम (इंच), जबकि पश्चिम क्षेत्र एरोड्रम क्षेत्र में 54 एमएम (2 इंच से ज्यादा) हुई। मौसम वैज्ञानिक (एग्रीकल्चर कॉलेज) डॉ. एचएल खापड़िया ने बताया कि अभी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बीच ट्रफ लाइन बनी हुई है। द्रोणिका बनने से अभी गुना, सागर आदि क्षेत्रों में बारिश हो रही है। इधर, गुजरात और अरब सागर के बीच लो प्रेशर सिस्टम बनने से 15 से 20 सितंबर तक भी रुक-रुककर बारिश होगी।
वैसे, इस साल अगस्त में सिर्फ 6 इंच बारिश हुई, जबकि सितंबर के 10 दिनों में करीब 9 इंच बारिश हो चुकी है। उधर, सोयाबीन की वे फसलें जिनकी पहले बोवनी हुई थी। वह अधपकी रही, जबकि बाद में बोवनी हुई फसलें बहुत अच्छी स्थिति में है। इस बार तो सोयाबीन की नई वैरायटियों से अच्छे उत्पादन की संभावना है। अब बाकी 19 दिनों में अगर रुक-रुककर भी बारिश हुई, तो तालाबों का जलस्तर बढ़ेगा, तो दूसरी ओर रबी की फसलों के लिए किसानों को भील राहत महसूस होगी।
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