अपनी मांगों के पूरा होने की मौखिक सहमति मिलने के बाद अभी तक विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को आदेश नहीं मिला है। आदेश जारी नहीं होने से कर्मचारियों ने बुधवार को भी हड़ताल कर प्रदर्शन किया। उन्हें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन जल्द ही उनकी मांगों को मानकर आदेश जारी कर सकता है। दरअसल, वेतनवृद्धि नहीं मिलने से नाराज विश्वविद्यालय के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी 10 नवंबर से विरोध जताते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद 15 नवंबर से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए और तक्षशिला कैंपस के मेन गेट पर मंच लगाकर नारेबाजी करते।
सोमवार को प्रदर्शन के बाद मिला था आश्वासन
सोमवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय स्ववित्त संस्थान कर्मचारी (गैर शिक्षक) संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने तक्षशिला कैंपस के बाद विश्वविद्यालय के आर.एन.टी मार्ग स्थित नालंदा परिसर में जमकर प्रदर्शन किया था। कर्मचारी, कुलपति कमरे के बाहर धरने पर बैठ गए और विरोध जताने लगे। इस दौरान कुलपति कमरे में मौजूद अधिकारियों को न तो उन्होंने बाहर जाने दिया न ही वे धरने से उठे। बाद में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मौखिक रूप से मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था।
नहीं मिला अभी तक कोई आदेश
कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें वेतनवृद्धि दी जाए। हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया है उस आदेश को वापस लिए जाए और कर्मचारियों को जो नोटिस जारी किए गए है उन्हें भी निरस्त किया जाए। प्रबंधन ने मांगों पर मौखिक सहमति तो जताई, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की ये मांगे पूरी नहीं हुई। आदेश जारी नहीं होने के चलते बुधवार को भी कर्मचारियों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखी। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दीपक सोलंकी के मुताबिक जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
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