शहर में लम्बे समय से रह रहे 1 हजार से ज्यादा पाकिस्तान शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलने के मामले में अब गति मिलने लगी है। करीब 14 माह के कोरोना संक्रमण काल के दौरान यह सिलसिला थम गया था। अब प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। एक माह में 30 से ज्यादा शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जा चुकी है। इस माह बाद इनकी संख्या 50 से ज्यादा हो सकती है।
पिछले दिनों प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मप्र में रह रहे 6 पाकिस्तान शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की थी तथा बाकी लोगों के मामले में जल्द नागरिकता दिलवाने का आश्वासन दिया था। हालांकि इंदौर में इसके पहले से ही संक्रमण कम होने से प्रक्रिया को तेज कर दिया गया था। वर्तमान में जिले में 1 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी शरणार्थी हैं जबकि बीते 7 सालों में 2 हजार से ज्यादा लोगों को अलग-अलग दौर में नागरिकता दी जा चुकी है। वर्तमान में जो यहां हैं उनके मामले में पुलिस वैरीफिकेशन तो देरी से हो रहा था और फिर कोरोना संक्रमण के कारण भी मामला ठण्डा पड़ गया था।
इन पाकिस्तानी शरणार्थियों में कई तो ऐसे हैं जिन्हें 25 साल से ज्यादा गए हैं। ये लोग 1988 से 2005 के बीच पाकिस्तान के सिंध प्रांत से मध्य प्रदेश आए हैं और इन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की जाना है। एडीएम पवन जैन ने बताया कि संक्रमण, लॉकडॉउन के कारण इनकी नागरिकता प्रदान करने के मामले में समय लगा क्योंकि इसमें एम्बेसी की एनओसी, संबंधित खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट, पुलिस वैरीफिकेशन आदि में भी समय लगता है। प्रशासन द्वारा अब प्रक्रिया को और तेज कर दिया गया है। जल्द ही संबंधितों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
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