जिले में दूसरे डोज के वैक्सीनेशन के लिए लगातार कसावट की जा रही है। हाल ही में जिला प्रशासन ने इसमें और सख्ती की है। इसके तहत अब बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट बताए पेंशन का भुगतान नहीं होगा। खास बात यह कि ऐसे कितने बुजुर्ग हैं जो पेंशनर्स हैं और दूसरा डोज बाकी है, इसका कोई रिकॉर्ड है। यानी जब वे पेंशन लेने बैंक जाएंगे तब वहां उन्हें दूसरे डोज का सर्टिफिकेट देना होगा तब पता चलेगा कि दूसरे डोज की वैक्सीन लगी है या नहीं। दूसरा यह कि अगर बुजुर्गों को दूसरा डोज नहीं लगा है तो इसमें लापरवाही उनके परिजन की है या विभाग की यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल 16 जनवरी 2021 को देशव्यापी वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ तो पहले हेल्थ केयर वर्कर्स को पहला डोज लगाया गया। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स और फिर 60 वर्ष से ज्यादा के बुजुर्गों को वैक्सीन लगना शुरू हुई थी। ऐसे में कई ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्हें अप्रैल-मई में पहला डोज लग चुका था तो उनकी ड्यू डेट निकलकर ही 6 से 7 महीने हो गए हैं।
दरअसल, इंदौर में बुजुर्गों को अप्रैल में वैक्सीन लगना शुरू हुई। उस दौरान 3 लाख से बुजुर्ग थे जिन्हें पहला डोज लगना शुरू हुआ। फिर जुलाई में इनमें से 3.10 लाख लोगों को पहला डोज लग चुका था। इस बीच सैकड़ों ऐसे बुजुर्ग रह गए जो चलने-फिरने में लाचार थे उनके घर मोबाइल वेन भेजकर उन्हें पहले डोज की वैक्सीन लगाई गई। अब दूसरा डोज को लेकर भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। अभी भी कुछ बुुजुर्ग बाकी हैं जिनका दूसरा डोज नहीं हुआ है, उन्हें लगना जरूरी हो गया है। इसके बाद भी इनमें से जो बचेंगे, उन्हें पेंशन में परेशानी हो सकती है। दूसरी ओर विभाग के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है कि अलग-अलग उम्र के कैटेगरी के कितने लोग दूसरे डोज के बाकी हैं। ऐसे में इनमें से पेंशनर्स हैं, पता नहीं है। इंदौर पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार जोशी के मुताबिक जिले में करीब 25 हजार पेंशनर्स हैं। इनमें से कितनों से पहला व दूसरा डोज लगाया है, यह पता करना मुश्किल है।
टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि कुल 9.50 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी ड्यू डेट निकल चुकी है। इसके बाद भी उन्होंने दूसरे डोज की वैक्सीन नहीं लगवाई है। अब तीन दिनों में करीब दो लाख लोगों ने दूसरे डोज की वैक्सीन लगाई है। संभव है कि अभी भी 7 लाख लोगों को दूसरे डोज के लिए आगे आना होगा। बुजुर्गों के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बीमार व दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए 70 से ज्यादा मोबाइल वैन हैं। उनके घर जाकर उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.