जीएसटी कानून से रोज नई समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है। आगामी बजट में रिफंड, पेनल्टी, सप्लाई एवं अपील सहित विभिन्न प्रावधानों की विसंगतियां दूर की जाना चाहिए। इसे लेकर सीए संगठनों ने केंद्रीय वित्तमंत्री से नियमों में सकारात्मक बदलाव की गुहार लगाई है।
मध्य प्रदेश टैक्स एंड लॉ बार एसोसिएशन (एमपीटीएलबीए) अध्यक्ष एके लखोटिया, उपाध्यक्ष एके गौर, नेशनल एसोसिएशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एनएटीपी) उपाध्यक्ष अमित दवे, सीटीपीए कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (सीटीपीए) अध्यक्ष केदार हेड़ा व सचिव-हेमंत शाह ने सोमवार को जीएसटी अपर आयुक्त एके पांडे, आयुक्त राज्य-कर लोकेश कुमार जाटव एवं आयुक्त केंद्रीय उत्पाद सीमा शुल्क व सेंट्रल जीएसटी पार्थ राय चौधरी को प्री बजट को मेमोरेंडम सौंपा।
तीनों संगठनों ने मेमोरेंडम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वर्ष 2022-23 के बजट में जीएसटी कानून को सरल, सुगम एवं व्यावहारिक बना कर आमूल चूल परिवर्तन करने की मांग की है, ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके। प्रतिनिधि मंडल में देवेंद्र सागरमल जैन, सुधीर मिश्रा, हेमंत जोशी व अन्य शामिल थे।
प्रमुख मांगें : मनमानी खत्म हो
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