इंदौर में पिंजरे से भागा तेंदुआ मादा थी, लेकिन वह 7 दिन बाद पकड़ा गया तो नर हो गया। जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ है। इंदौर जू और बुरहानपुर के फॉरेस्ट विभाग के अफसर की बातचीत में मादा तेंदुए का ही जिक्र है। डॉक्टर की पहली रिपोर्ट में भी मादा का ही जिक्र था। अब पूरे मामले में डीएफओ बुरहानपुर प्रदीप मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर से जल्दबाजी में गलती हो गई। भागा तेंदुआ और पकड़ा गया एक ही है।
बता दें कि बुरहानपुर नावरा (नेपानगर) से लाया गया तेंदुआ पिंजरे से भाग गया था। वह सातवें दिन मंगलवार को चिड़ियाघर से ढाई किमी दूर नवरतन बाग में वन विभाग के परिसर में मिला। सुबह 10.30 बजे पेड़ से गिरी बादाम बंटोरने गए माली ने उसे देखा और टीम को खबर की। 10.45 बजे 10 सदस्यीय टीम पहुंची। बमुश्किल 50 मिनट में 11.35 बजे उसे काबू कर लिया गया।
अफसरों का ऑडियो भी आया, जिसमें मादा तेंदुए की बात
पूरी घटना के समय प्रभारी उत्तम यादव और फॉरेस्ट अधिकारी विमला मुवेल के फोन पर बात करने का ऑडियो भी वायरल हुआ था। इसमें विमला द्वारा यह जानकारी बुधवार रात को भी दी गई थी कि वह एक मादा तेंदुआ है। वह 6 से 7 महीने का है और पैरों में चोट है, लेकिन जो वीडियो बुरहानपुर रेस्क्यू के सामने आए हैं उसमें तेंदुए के दोनों पर बुरी तरह से घायल हैं। वह नर तेंदुआ है।
पूरे मामले में जू प्रभारी उत्तम यादव से इस बात की जानकारी ली गई क्या कोई जंगली जानवर जो बिल्ली प्रजाति का है वह पीछे के पैर बुरी तरह से जख्मी तो क्या वो पिजरा छलांग कर भाग सकता है। इसका जवाब नहीं में था। वही जिस वक्त ट्रक के अंदर तेंदुए को जू के अंदर लाना बताया जा रहा था उस समय भी तेंदुए के कोई भागने के निशान जू में नहीं मिले थे।
वहीं जानकारों की माने तो बिल्ली प्रजाति अपने पीछे के पैरों को जमाने के लिए वह पूंछ से संतुलन बनाने के लिए इस्तेमाल करती है, लेकिन जू में जो तेंदुआ रेस्क्यू करके लाया गया था उसके वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि उसके दोनों पर बुरी तरह से जख्मी है। इस स्थिति में वह ठीक से चल नहीं पा रहा था तो पिंजरे से छलांग लगाकर वह कैसे भाग निकला?
उठ रहे हैं कई सवाल-
अब अफसर क्या कह रहे सुनिए
तेंदुओ वही है, डॉक्टर से गलती हुई
बुरहानपुर के डीएफओ प्रदीप मिश्रा से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा दोनों तेंदुए के फोटो को मिलाया गया था। दोनो के रोजेक्स (जिसे आम भाषा मे चेहरे पर बने काले धब्बे होते है) एक ही हैं। वेटरनरी डॉक्टर की रिपोर्ट में जल्दबाजी में गलती हो गई है, लेकिन हम यकीन से कह सकते हैं कि तेंदुआ वही है। जहां तक तेंदुए के दोनों पैर पीछे से पूरी तरह जख्मी थे, उसके बावजूद भी वह इतनी ऊंचाई से कैसे छलांग मारकर भागा है यह हमारे लिए भी सोचने की बात है। इसके लिए हमें किसी वाइल्डलाइफ एक्सपोर्ट से बात करेंगे, लेकिन तेंदुआ वही है।
घायल तेंदुआ इतनी दूर नहीं आ सकता
इंदौर जू प्रभारी उत्तम यादव ने कहा हम पहले दिन से ही कह रहे थे की सीसीटीवी फुटेज और कहीं भी तेंदुए के निशान नहीं मिले थे, लेकिन जो तेंदुआ बुरहानपुर से भेजा गया था उसमें अधिकारी द्वारा मुझे मादा तेंदुआ बताया गया था, वही रेस्क्यू किया हुआ वह नर है, लेकिन इस बात पर मैं अभी कुछ नहीं कह पाऊंगा। अब तक इंदौर के आसपास 14 से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन हमने किए हैं और तेंदुए के बच्चे के दोनों पैर घायल होने से वह इतनी दूर आना असंभव है
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