सुसाइड को गलत बताने वाले स्टूडेंट ने लगाई फांसी:इंदौर में युवती की मौत पर कॉलेज छात्र ने कहा था- जान देना कायरों का काम

इंदौरएक वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

इंदौर में एक कॉलेज स्टूडेंट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हैरान करने वाली बात ये है कि दो दिन पहले जब कॉलोनी की युवती ने सुसाइड किया था, तो छात्र ने उसे कमजोर बताया था। सुसाइड के वक्त छात्र का कम्प्यूटर ऑन था और वह घर पर अकेला था। पुलिस का कहना है कि फांसी लगाने से पहले स्टूडेंट किसी से फोन पर बात कर रहा था।

पुलिस के मुताबिक घटना सोमवार को रूपराम नगर की है। यहां रहने दिव्यांशु (19) पुत्र रामनरेश यादव ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। वह रेडिएंट कॉलेज में सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। सुबह उसने पिता से सिटी बस के पास बनवाने के लिए तीन सौ रुपए मांगे थे और दोस्त के साथ कलेक्टर ऑफिस जाने को कहा था। लेकिन वह घर से नहीं निकला। फिर दिन में उसने फांसी लगा ली। दिव्यांशु की मां संगीता अपने पिता के यहां सीहोर गई हुई थी। बेटे के मौत की सूचना मिलते ही वह तुरंत इंदौर पहुंची। मंगलवार को पोस्टमार्टम किया गया।

दिव्यांशु सुसाइड को गलत मानता था, वह हंसमुख स्वभाव का था।
दिव्यांशु सुसाइड को गलत मानता था, वह हंसमुख स्वभाव का था।

चाचा ने कहा- सुसाइड को गलत मानता था दिव्यांशु मृतक के चाचा ने बताया कि दिव्यांशु सुसाइड को गलत मानता था। दो दिन पहले क्षेत्र में सुसाइड करने वाली एक युवती को लेकर वह परेशान था। वह कह रहा था कि सुसाइड करना कायरों का काम है। इसके लिए बहुत निगेटिव एनर्जी चाहिए। आज उसकी मौत की खबर सुनकर बड़ा दु:ख हो रहा है।

माता-पिता का इकलौता बेटा था
दिव्यांशु अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसे मां संगीता अपने साथ सीहोर ले जाना चाह रही थी, लेकिन वह नहीं गया। पुलिस के मुताबिक दिव्यांशु के पास से मोबाइल मिला है। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।साथ ही उसे अनलॉक कराने के लिए आईटी एक्सपर्ट से मदद मांगी है।