इंदौर के नजदीक बड़वाह के दीपक बघेल। 6 साल पहले IIT मुंबई से बी.टेक. किया। मल्टीनेशनल कंपनी से जॉब ऑफर हुई, लेकिन एक्सेप्ट नहीं की। खुद का ऑर्गेनिक स्टार्टअप करना था। पत्नी नेहा (बीई) के साथ शहद बनाने का काम शुरू किया। स्टार्टअप का नाम रखा माइलो हनी (Mielo Honey)। पांच साल में ही कंपनी का टर्नओवर 50 लाख हो गया है। कंपनी अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन के साथ पैन इंडिया में सप्लाई कर रही है। साथ ही हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर और वन विभाग को भी सेवाएं दे रही है।
ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ बी-कीपिंग
दीपक ने ऑर्गेनिक खेती करने के बाद उत्तरप्रदेश से बी-कीपिंग और हनी सेल (मधुमक्खी से शहद बनाने की प्रक्रिया) की ट्रेनिंग ली। दीपक ने बताया कि स्टार्टअप शुरू करने के पहले कुछ समय तक ऑर्गेनिक खेती की। अब वे किसानों को ऑर्गेनिक खेती के साथ बी-कीपिंग के लिए जागरुक कर रहे हैं। इससे मिट्टी भी सुरक्षित रहेगी और मधुमक्खियों को शहद बनाने के लिए पर्याप्त फूल मिल सकेंगे।
अलग-अलग स्वाद वाला हनी
नेहा राय ने बताया कि पूरे नॉर्थ इंडिया में कंपनी माइलो हनी काम कर रही है। कंपनी अलग-अलग स्वाद का हनी तैयार कर रही है। जैसे अगर अनार की खेती हो रही है तो वहां बी-कीपिंग करने से अनार के स्वाद का हनी तैयार होता है। इसके लिए कंपनी कंसलटेंसी और हनी खरीदने का काम करती है। बाजार में यह हनी 650 रुपए प्रति किलो है।
किसान को भी होता है फायदा
मधुमक्खियों को जिन खेतों में छोड़ा जाता है, वहां की पैदावार करीब 20% से 40% तक बढ़ जाती है। इससे किसानों को भी फायदा होता है। हार्टिकल्चर विभाग मप्र एक बॉक्स पर 1600 रुपए की सब्सिडी भी देता है।
बॉक्स में ऐसे बनता है शहद
शहद की अच्छी पैदावार के लिए दीपक और नेहा इटालियन मधुमक्खी पालन करते हैं। इनकी उम्र 60 दिन तक होती है। इटालियन मधुमक्खियों की प्रकृति अंधेरे व सुरक्षित स्थान पर रहने की होती है। इसलिए उन्हें आराम के लिए बक्से उपलब्ध कराए जाते हैं। फसलों के पास इन बक्सों के रखने से मधुमक्खियां इनमें से बाहर निकलकर फूलों से परागकण निकालकर बक्से में ले जाती हैं।
- बक्सों की हर प्लेट, जिसमें बारीक जाली लगी होती है, वहां यह इकट्ठा करती हैं जो हनी का रूप लेती है।
- एक तरह का जालीदार मास्कर पहनकर यह शहद बॉक्स में से निकाल लिया जाता है।
- माइलो हनी कंपनी किसानों को 3500 से 5500 रुपए में ये बक्से उपलब्ध कराती है, जिसमें मधुमक्खियां रहती हैं।
सभी फूल नहीं होते मधुमक्खियों का भोजन
जानकारों की मानें तो मधुमक्खियां सभी फूलों पर नहीं बैठती हैं। न ही उनसे वह शहद बनाती हैं। माइलो कंपनी अलग-अलग महीनों में सभी मधुमक्खियों को लेकर अलग-अलग जगह सफर करती है। जिस इलाके में सही मौसम रहता है, वहीं पर इन मधुमक्खियों को ले जाया जाता है। एक बॉक्स में 30 से 50 हजार मधुमक्खियां होती हैं।
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