एडवाइजरी कंपनी के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी की मास्टर माइंड पूजा थापा ने बुधवार सुबह कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। राऊ पुलिस को लंबे समय से पूजा की तलाश थी। आरोपी ठक ने पुलिस की सख्ती से डर कर सुबह कोर्ट खुलते ही सरेंडर कर दिया। जानकारी के अनुसार उसने ही बाकी जालसाजों के साथ मिलकर फर्जी कंपनियां बनाई थी। पुलिस अब उससे गैंग के बाकी सदस्यों के नामों को लेकर पूछताछ करेगी।
TI नरेन्द्र रघुवंशी के मुताबिक करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में पुलिस को पूजा उर्फ आशी उर्फ शैफाली पुत्री तिल बहादुर थापा निवासी शेखर प्लेनेट की तलाश थी। वह लगातार पुलिस से बच कर भाग रही थी। इधर पुलिस उसके दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर बनाए हुए थी। पुलिस की घेराबंदी के लगातार सख्त हाेने के चलते पूजा ने बुधवार को सीधे कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उस पर 10 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
पवन और साथियों के साथ बनाई थी तीन से ज्यादा कंपनी
पूजा थापा,पवन तिवारी और उनके कुछ साथी पहले एक साथ एडवाइजरी कंपनी में काम करते थे। वहां पुलिस ने पहले कार्रवाई कर उसे बंद करवा दिया था। इसके बाद पूजा ने सभी साथियों को इकट्ठा किया और फिर खुद की कंपनी बना ली। उसने कंपनी की आड़ में आधा दर्जन खाते खुलवाए और लोगो से धोखाधड़ी कर उसमें रुपए ट्रांसफर करने लगी।
नेपाल से देवास आकर बस गया था परिवार
बताया जा रहा है कि पूजा का परिवार नेपाल से देवास में आकर बस गया। कुछ समय बाद पिता और मां अलग हो गए। पूजा उसके भाई के साथ रहती थी। यहां वह एक एडवाइजरी कंपनी में काम करती थी और यहीं से उसने लोगों को ठगने का तरीका सीखा था। पूजा ने पातालपानी में एक लग्जरी फार्म हाउस, सुपर कॉरिडोर और ओमेक्स सिटी में प्लाॉ भी लिए थे। पूजा की बेंगलुरु और देवास में सम्पत्ति होने की बात सामने आई थी। पुलिस इस मामले में अभी तक करीब एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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