इंदौर में मिले ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट BA2 के मरीजों को लेकर डॉक्टरों का मानना है कि इस नए वेरिएंट के मरीजों में सभी तरह के सिम्प्टम कोरोना जैसे ही हैं। इसके लक्षणों में कुछ भी नया नहीं है। इसलिए उन्हीं दवाओं से मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जिनसे दूसरी लहर में किया था। जो मरीज कोमॉर्बिड हैं, उनका उपचार सिम्प्टम के आधार पर किया जा रहा है।
अरबिंदो अस्पताल में कोविड पेशेंट का उपचार कर रहे डॉ. रवि डोसी ने बताया कि भर्ती मरीजों में जिन्हें ओमिक्रॉन BA2 मिला है उनमें एक मरीज की किडनी काम नहीं कर रही है। 45 साल की इस महिला को बायपेप (ऑक्सीजन) पर रखा गया है। जबकि 55 साल के एक अन्य व्यक्ति को डायबिटीज की शिकायत है। लक्षण कोरोना के हैं और संक्रमण अधिक है, इसलिए लाइन ऑफ ट्रीटमेंट भी कोविड की तरह ही रखा गया है।
6 पेशेंट्स जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगाए वे सुरक्षित
ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट BA-2 से संक्रमित 6 वयस्क पेशेंट को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। इनकी उम्र 20 से 40 वर्ष है। इनमें से दो कोमॉर्बिड हैं। डॉ. रवि डोसी के मुताबिक वैक्सीन के दोनों डोज लगने के कारण ही इसका खासा प्रभाव है कि ये लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि दोनों ICU में है और रिकवरी भी अच्छी है।
वैक्सीन लगाने वाले संक्रमितों के परिवार भी सुरक्षित
इन लोगों के परिवारों में अभी अन्य को किसी तरह की तकलीफ नहीं है तथा उन्हें भी वैक्सीन लग चुका है। डॉ. डोसी ने बताया कि लोगों को चाहिए कि वे आवश्यक रूप से वैक्सीन लगवाएं और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। ये दोनों ऐसे उपाय हैं जिनसे पूरी तरह बचा जा सकता है।
नई चार मौतें; सभी कोमॉर्बिड : कलेक्टर
उधर, रविवार को जो चार कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स की मौत हुई उसे लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इन चारों लोगों का पहले से ही गंभीर बीमारियां का इलाज चल रहा था। इसी दौरान ये संक्रमित भी हो गए थे। इन सभी केस में किडनी, लीवर, ब्रेन क्लॉटिंग, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों के कारण मौतें हुई हैं। कलेक्टर ने कहा कि यह बात जरूर है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित कुछ पेशेंट्स को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। अभी 240 पेशेंट अस्पतालों में एडमिट हैं। सतर्कता रखना बहुत जरूरी है।
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