इंदौर में जू से भागे तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग और जू प्रबंधन के कर्मचारियों ने रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया। टीम ने हेलोजन लगाकर सर्च किया। 48 घंटे बीतने के बाद भी तेंदुए का पता नहीं चल पाया है। जहां-जहां तेंदुए के पग मार्क और खून के निशान मिले, वहां-वहां तीन पिंजरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। तेंदुए को फंसाने के लिए पिंजरों में मटन रखा गया। इन पर सीसीटीवी रूम से नजर रखी जा रही है। तेंदुए के ट्रैक होते ही वॉकी-टॉकी पर चर्चा करते हुए कर्मचारी उसे पकड़ लेंगे। वहीं, जहां-जहां उसका मूवमेंट दिखाई दे रहा है, वहां-वहां हाई मास्क लगाकर रोशनी की गई है। जू में लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है।
दो दिन पहले पिंजरा तोड़कर भागा तेंदुआ ZOO में ही है। सुबह 4 बजे एक कर्मचारी ने तेंदुए को देखा और गुर्राने की आवाज सुनी। इसके बाद यह बात तय हो गई कि तेंदुआ जू में ही है। इसके बाद शहर में तेंदुए के होने की दहशत से राहत मिली है। जू के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने भी कैमरे में भागते हुए किसी जानवर की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने अब भी तेंदुए को लेकर स्पष्टता जाहिर नहीं की है। खंडवा, बुरहानपुर और जू की टीमें उसे पकड़ने की कोशिश कर रही हैं।
अधिकारियों ने उसके पैर में चोट होने की बात भी कही है। अफसरों ने कहा कि वह ज्यादा लंबी छलांग नहीं लगा सकता, लेकिन चल सकता है। चोट की वजह से उसे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
खंडवा, बुरहानपुर की टीमें पहुंचीं
वन विभाग के खंडवा बुरहानपुर के अफसर गुरुवार सुबह ही जू पहुंच गए थे। इसमें उनकी टीम नाले और घनी झाड़ियों में तलाश कर रही है। सुबह से ही जू के अंदर आम व्यक्ति की एंट्री बंद है। इसमें जू का स्टाफ भी तेंदुए को लेकर सर्चिंग कर रहा है। यहां नाले किनारे झाड़ियां बड़ी होने के चलते सर्चिंग में दिक्कत आ रही है। बताया जाता है कि स्थानीय वन विभाग की एक टीम रातभर जू में ही रुकी थी। इसमें कुछ स्थानों पर रात में अंदर ही सर्चिंग की गई थी।
जाल बिछाना संभव नहीं, अकेले में पहुंचा सकता है नुकसान
जू में तेंदुए को ढूंढने के लिए दो से तीन लोगों की टीमें बनाई गई हैं। अधिकारियों के मुताबिक तेंदुआ छोटा है। हमला करने जैसी स्थिति में नहीं है, लेकिन घायल होने के चलते किसी को अकेला देखकर वह हिंसक हो सकता है। अधिकारियों के मुताबिक नेपानगर में रेस्क्यू के समय उसे जाल बिछाकर पकड़ा गया था, इसलिए दोबारा जाल में आना संभव नहीं है। भूख लगने के चलते तेंदुआ खाने के लिए फिर से अंदर आ सकता है। इसमें दोपहर तक उन्हें सफलता मिल सकती है।
दो दिन पहले रात में पिंजरा तोड़कर भागा था
बता दें कि बुधवार रात को तेंदुए पिंजरा तोड़कर भाग गया था। इसके बाद उसे तलाशने की शुरुआत हुई। गुरुवार को इंदौर के अफसर इससे इनकार कर रहे थे, लेकिन बुरहानपुर के डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने दैनिक भास्कर से कहा कि हमारी टीम रात में घायल तेंदुए को इंदौर छोड़ने गई थी। रात होने से उन्होंने लिखा-पढ़ी कर तेंदुआ रिसीव करने से मना कर दिया था। ऐसे में हमारी टीम रात में जू के अंदर ही तीन कैमरों की निगरानी में पिंजरा गाड़ी खड़ी करके सो गई थी। सुबह तेंदुआ नहीं मिला और पिंजरे की जाली टूटी थी। कैमरे चेक करवाए, तो वह तीनों खराब निकले।
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